Delhi Violence 2020: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एमसीडी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के खिलाफ बुधवार (11 जनवरी) को आरोप तय किए. उन पर कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के धन का उपयोग करके दंगों (Delhi Riots) में फंडिंग का आरोप लगाया गया है. पूर्व पार्षद ने सभी आरोपों से इनकार किया है.
ताहिर हुसैन पर इससे पहले दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में तीन अलग-अलग मामलों में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) सहित विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था. हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे.
पूर्व पार्षद पर ये आरोप भी लगे
पिछले साल 14 अक्टूबर को, हुसैन और छह अन्य लोगों पर हिंसा से संबंधित एक मामले में दंगा और हत्या का आरोप लगाया गया था. इससे पहले, उन पर आपराधिक साजिश, दंगा, नुकसान पहुंचाने, संपत्ति को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय कर रहा जांच
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच की जा रही है जोकि दिल्ली पुलिस की ओर से हुसैन के खिलाफ दर्ज की गई पहली एफआईआर में से एक पर आधारित है. 23 फरवरी की पूर्व संध्या पर पूर्वोत्तर दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और सीएए समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच दंगे भड़क उठे थे.
दंगों में हुई थी 53 से ज्यादा लोगों की मौत
हिंसा ने सांप्रदायिक रूप ले लिया और अगले 10 दिनों में 53 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. करीब 200 से अधिक घायल हो गए. दुकानों और घरों को जला दिया गया और यहां तक कि धार्मिक स्थलों पर भी हमला किया गया था.
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