नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 42 तक पहुंच गई है. सबसे ज्यादा 38 मौत दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में हुई है. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ज्यादातर मौत उन लोगों की हुई जिन्हें गोली लगी थी. इस हिंसा में 215 लोग घायल हुए हैं. हिंसा वाले इलाको में अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं.


परिजनों को शव लेने में हो रहा है परेशानी

जीटीबी अस्पताल के मुताबिक, तीस फीसदी लोग हिंसा के दौरान गोली का शिकार हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ मृतकों के परिजनों को भारी परेशानी हो रही है. कई लोगों को अस्पताल के चक्कर लगाते हुए चार दिन हो गए, लेकिन अभी तक उन्हें शव नहीं मिले हैं.

शांति बहाली की कोशिश में पुलिस

हिंसा के बाद अब दिल्ली पुलिस ने जनता को समझाने का काम शुरु कर दिया है. शांति बहाली की कोशिश में पुलिस जनता से संवाद कर रही है. कोशिश है कि जनता के मन में फैले डर को खत्म किया जा सके. इसी कड़ी में ज्वॉंइट कमिश्नर ओ पी मिश्रा चांदबाग इलाके में पहुंचे और उन्होंने लोगों को समझआने की कोशिश की.



कुछ देर के लिए हटाई जाएगी धारा 144

दिल्ली में हिंसा के पांच दिन बात हालात सामान्य होते नज़र आ रहे हैं. हिंसा के बाद आज पहला शुक्रवार है. यानी आज जुमे की नमाज़ है. इसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. हिंसा वाले इलाकों में भारी सुरक्षाबल तैनात है. हालांकि 26 फरवरी की शाम के बाद से अबतक हिंसा की कोई खबर नहीं आई है. जुमे की नमाज़ को देखते हुए दिल्ली के हिंसा प्रभावित उत्तर पूर्व जिले के खजुरी खास और दयालपुर इलाकों में भारी सुरक्षाबल तैनात है. इलाके में शांति है. प्रशासन ने फैसला किया है कि जुमे की नमाज के लिए कुछ देर के लिए धारा 144 हटा ली जाएगी.

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