Delhi Violence:AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- यह दंगा योजना के साथ हुआ
दिल्ली पुलिस की निंदा करते हुए ओवैसी ने हिंसा प्रभावित मुस्लिम इलाकों से मांगी गई मदद पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि गत हफ्ते उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 200 अन्य लोग घायल हुए हैं.
हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में हुए दंगों को ‘‘ लक्षित संगठित हिंसा’’ करार देते हुए रविवार को कहा कि जिम्मेदारी बीजेपी सरकार पर है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अपील की. एआईएमआईएम की 62वीं स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए हैदराबाद के संसद ओवैसी ने दोहराया कि बीजेपी नेताओं के भाषण की वजह से हिंसा हुई.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ पूरी योजना और तैयारी के साथ सांप्रदायिक हिंसा हुई. नफरत का माहौल पैदा किया गया. इसे सांप्रदायिक हिंसा नहीं कहा जाना चाहिए बल्कि यह तबाही है.’’
ओवैसी ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि आपने (प्रधानमंत्री) 2002 (गुजरात दंगों) से सबक लिया होगा और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हो.’’
दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के पास कुछ युवकों द्वारा की गई नारेबाजी का संदर्भ देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘‘ये कौन लोग हैं जो ‘ गोली मारो देश के गद्दारों को’ बोल रहे हैं. प्रधानमंत्री जी यह दंगा योजना के साथ हुआ. यह लक्षित संगठित हिंसा है और इसकी जिम्मेदारी आपपर है.’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों की जिम्मेदारी केंद्र में बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की दहलीज पर है.
प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्रीय राजधानी के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अपील करते हुए ओवैसी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री हमारे दर्द को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ में बताएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में शनिवार को दिए भाषण में दिल्ली हिंसा का उल्लेख नहीं किया जबकि वह ‘‘ सबका साथ, सबका विकास’’ का विचार रखते हैं.
ओवैसी ने घोषणा की कि एआईएमआईएम के निर्वाचित प्रतिनिधि दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों की मदद करने के लिए एक महीने का अपना वेतन दान देंगे. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से अनुरोध करेगी कि वह राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) की प्रक्रिया लागू नहीं करें.
हिंसा के मामले में 167 एफआईआर दर्ज
दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 32 मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार वालों को सौंपा गया. बीते 5 दिन उन परिवारों पर सबसे ज्यादा भारी पड़े जिन्होंने दिल्ली में हुए दंगों में अपनों को खो दिया. इस हिंसा के मामले में 167 एफआईआर दर्ज की गईं हैं. मृतकों के परिवारों की मांग है कि अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.
जीटीबी अस्पताल में कुल 38 मौतें हुई. इनमें से इलाज के दौरान 10 लोगों की मौत हुई. वहीं 32 मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. इसके अलावा अभी भी 6 परिवारों का इंतजार खत्म नहीं हुआ है. इनमें से एक प्रेम सिंह का परिवार है. प्रेम सिंह की मौत दिल्ली हिंसा में हुई. वह रिक्शा चालकर अपने परिवार को पालते थे. उनके परिवार में पत्नी, तीन छोटी-छोटी बेटियां और बूढ़ी मां हैं. परिवार के सदस्यों का कहना है कि उनको अभी तक प्रेम सिंह का शव नहीं दिया गया है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने परिवार को आश्वासन दिया है कि उनको शव कल तक मिल जाएगा.
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