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दिल्ली हिंसा: मारे गए कॉन्स्टेबल-आईबी अधिकारी के परिवारों को एक महीने का वेतन देंगे BJP सांसद प्रवेश वर्मा
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा और हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल हिंसक भीड़ की चपेट में आने से अपनी जान गंवा बैठे. केजरीवाल सरकार ने दोनों अधिकारियों के परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की है.
नई दिल्ली: हेट स्पीच देने के आरोपी बीजेपीसांसद प्रवेश शर्मा ने शनिवार को कहा कि वह उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए पुलिसकर्मी और खुफिया विभाग के कर्मी दोनों के परिवारों को अपना एक माह का वेतन देंगे.
लोकसभा में पश्चिमी दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्मा ने कहा, “मैं बतौर सांसद, दिल्ली में हुई दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा में ड्यूटी के दौरार मारे गए दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के परिवारों के लिए अपने एक माह का वेतन समर्पित करता हूं.”
दिल्ली हाई कोर्ट ने हिंसा के संबंध में वर्मा समेत बीजेपी के तीन नेताओं के कथित घृणा भाषणों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज करने के संबंध में पुलिस को “सचेत फैसला” लेने का बुधवार को निर्देश दिया.
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को “आतंकवादी” कह कर वर्मा ने विवाद खड़ा कर दिया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर शहीद की तरह ही शहीद रतनलाल के परिवार को एक करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि रतनलाल के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में शहीद हुए कांस्टेबल रतनलाल का आज 26 फरवरी को अंतिम संस्कार किया गया. उसके पहले उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ आखिरी सलामी दी गई थी. रतनलाल नामक एसीपी गोकुलपुरी दफ्तर में तैनात थे. यहां नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे और कानून के समर्थकों के बीच झड़प हुई. हिंसक लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने पहुंचे पुलिसकर्मियों पर लोगों ने ईंट-पत्थर बरसाए. इस हमले में हेड कांस्टेबल रतनलाल पूरी तरह जख्मी हुए और उनकी मौत हो गई.
घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हवलदार रतनलाल भीड़ के बीच फंस गए. बुरी तरह से घायल कॉन्स्टेबल रतन लाल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हेड कांस्टेबल रतनलाल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे.
शहीद रतनलाल ऐसे पुलिसकर्मी थे जिनमें ड्यूटी को लेकर अपार जज्बा था. एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को जब हिंसा हो रही थी उस वक्त रतनलाल को बुखार था. लेकिन हेड कांस्टेबल अपने स्वास्थ्य की फिक्र किए बगैर ड्यूटी पर तैनात थे. परिवार को टीवी पर खबर देखने के बाद उनकी मौत की जानकारी मिली. उनके परिवार में पत्नी पूनम, एक बारह साल की बेटी, एक दस साल की बेटी और सात साल का बेटा है.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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