नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर आज कांग्रेस की तरफ से 'शांति मार्च' का आयोजन किया गया. इस मार्च में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुई. ये मार्च गांधी स्मृति की तरफ जा रहा था. रास्ते में जनपथ के बार इसे रोक दिया गया. जनपथ पर ही प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गईं. उन्होंने कहा कि हम गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि दिल्ली में अमन कायम हो.
प्रियंका गांधी ने कहा, ''हम चाहते हैं कि सरकार एक्शन ले और लोगों की मदद करें लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में नाकाम हुई है. हम चाहते हैं कि जिसके घर जलाए गए हैं उसकी मदद हो.'' उन्होंने लोगों से अपील की कि उन घरों में जाएं जहां दुख और पीड़ा हुआ है. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ''हमारा कर्तव्य है कि देश को जागरुक बनाए. हमारा धर्म अहिंसा और प्रेम है. हिंसा से सिर्फ और सिर्फ हमारी ही नुकसान होगा. हिंसा की राजनीति बंद हो.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''यह हमारी दिल्ली है. लोग यहां काम की तलाश में आते हैं. आज इस शहर में आग और हिंसा फैलायी जा रही है. हम उस पार्टी से हैं जिसने स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान दिया और शांति एवं सौहार्द बनाये रखना हमारा कर्तव्य है.''
प्रियंका के अलावा मार्च में हिस्सा लेने वाले अन्य वरिष्ठ नेताओं में मुकुल वासनिक, के सी वेणुगोपाल, पी एल पुनिया, रणदीप सुरजेवाला, राजीव गौडा, शक्ति सिंह गोहिल, अजय सिंह लल्लू (उत्तरप्रदेश कांग्रेस प्रमुख), मणिशंकर अय्यर, सुष्मिता देव, कृष्णा तीरथ और सुभाष चोपड़ा शामिल थे. एकता का संदेश देते हुए कांग्रेस के सदस्यों के हाथों में पोस्टर था जिस पर लिखा था , ‘‘आज हमारा एक ही नारा, नहीं बंटे समाज हमारा.’’
सोनिया गांधी ने भी गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा
इससे पहले आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली हिसां को लेकर पार्टी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. सोनिया गांधी ने पुलिस पर नाकामी का आरोप लगाया और हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना की तैनाती करने की मांग की. कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की. बता दें कि दिल्ली में हिंसा से अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं.
कांग्रेस ने केन्द्र और दिल्ली सरकार से 5 सवाल भी पूछे हैं.
- पिछले रविवार से देश के गृहमंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे?
- पिछले रविवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे?
- दिल्ली चुनाव के बाद इंटेलिजेंस एजेंसीज़ के द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई?
- इतवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब यह साफ था कि दंगे और फैल रहे हैं?
- जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे व पुलिस का कंट्रोल नहीं बचा था, तो ऐसे में और सेन्ट्रल पैरामिलिटरी फोर्स क्यों नहीं बुलाई गई?