नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर हाई कोर्ट काफी सख्त है और भड़काऊ बयान के मामले में पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. दिल्ली हाई कोर्ट में आज करीब पूरे दिन सुनवाई चली और शाम के करीब चार बजे हाई कोर्ट ने भड़काऊ बयान के मामले एफआईआर दर्ज नहीं होने को लेकर कहा कि कितनी और मौतों का इंतजार रहेगा? कितने और नुकसान का इंतजार किया जाए?
हाई कोर्ट ने प्रवीर रंजन (स्पेशल कमिश्नर) से कहा कि आप जाइये कमिश्नर को बताइये की हम चाहते हैं कि ऐसे सभी मामलों में एफआईआर दर्ज़ हों. ऐसे हालातों से हमको पीड़ा हो रही है. हम नहीं चाहते कि 84 दंगे जैसे हालात बनें. जितने भी भड़काऊ वीडियो हैं उनमें मामला दर्ज कीजिये.
दिल्ली हाई कोर्ट ने विशेष पुलिस आयुक्त से उसके आक्रोश से पुलिस आयुक्त को अवगत कराने को कहा. हाई कोर्ट में कल भी सुनवाई जारी रहेगी. आज हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान चार नेताओं कपिल मिश्रा, अभय वर्मा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयान का वीडियो चलाया गया.
उच्च न्यायालय ने पूछा कि क्या किसी नेता ने कथित आपत्तिजनक बयान से इनकार किया है ; याचिकाकर्ता के वकील ने कहा नहीं, वे इसमें गर्व महसूस करते हैं. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय में कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.
FIR को लेकर बंटी राय
दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि तीन बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने का कोई कारण नहीं है. वहीं सॉलीसिटर जनरल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट को तीन बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर अधिकारियों के जवाब का इंतजार करना चाहिए क्योंकि अभी कोई निर्णय करने से स्थिति बिगड़ सकती है .
अब तक 24 लोगों की मौत
बता दें कि दिल्ली हिंसा में मरने वालों की संख्या 24 हो गई है. इसी के मद्देनजर दंगा प्रभावित क्षेत्रों चांद बाग, जाफराबाद, भजनपुरा, यमुना विहार और मौजपुर में सुरक्षा बलों ने बुधवार को फ्लैग मार्च निकाला. इलाके में सोमवार से जारी हिंसा, भीड़ द्वारा दुकानों में लूटपाट करने और संपत्तियों में आग लगाए जाने के बाद आज दुकानें और स्कूल बंद रहीं और गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
चांद बाग इलाके में काफी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं और सुरक्षा बलों ने किसी को भी सड़क पर निकलने की अनुमति नहीं दी. कुछ गलियों को बंद कर दिया गया और निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए उन्हें बंद किया है.