नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी ऑफिस में शुक्रवार शाम दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के बीच मीटिंग हुई. इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार के अलावा मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार भी मौजूद थे. इस इंटर स्टेट मीटिंग का मकसद दंगाइयों को पकड़ने में मदद मांगना था.


दरअसल दिल्ली पुलिस के पास जानकारी है कि दिल्ली में हुई हिंसा में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मेरठ से भी बड़ी संख्या में दंगाई पहुंचे थे. इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस को शक है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गैंगस्टर भी इन दंगाइयों के बीच मौजूद थे. ऐसे में उन दंगाइयों की पहचान करने और उनको पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस से मदद मांगी गई है. इस मीटिंग में मेरठ गाजियाबाद के बॉर्डर इलाकों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने की भी बात हुई.


दंगों में इस्तेमाल अवैध हथियार यूपी से दिल्ली पहुंचे थे

दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में हुई हिंसा में जिन हथियारों का इस्तेमाल हुआ था उन पिस्टल और देसी कट्टों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दिल्ली लाया गया था. पुलिस सूत्रों का कहना है की ये हथियार लेकर वहां के कई बड़े बदमाश दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने जमकर गोलीबारी की थी. यही वजह है कि अब सीसीटीवी कैमरों और दूसरे वीडियो में कैद इन दंगाइयों की पहचान करने में दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस से मदद मांगी है.


करीब 125 लोगों को गोली लगने के चलते अस्पताल भर्ती कराया गया था

दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है दिल्ली में हुई हिंसा एक सुनियोजित साजिश हो सकती है. जिसकी पहले से ही तैयारियां की गई थी. दरअसल किसी भी हिंसा में इस तरीके से पिस्तौल और कट्टों का इस्तेमाल नहीं होता है. हिंसा अचानक शुरू होती है और उसमें आगजनी और पथराव ज्यादा देखा जाता है. लेकिन दिल्ली हिंसा में जमकर गोलियां चली थी और बड़ी संख्या में लोगों को गोली लगने के चलते अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. साथ ही कई लोगों की मौत भी गोली लगने से हुई थी.

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