नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुए दंगे और हिंसा के बाद से गोकुलपुरी ड्रेन से शव के निकलने का सिलसिला जारी है. ये नाला यूपी के लोनी से होता हुआ शिव विहार भागीरथी विहार और फिर गोकुलपुरी से आगे जा रहा है. इतना ही नहीं चांद बाग की पुलिया की तरफ से भी आ रहा नाला इसी गोकुलपुरी में मिलता है.


दिल्ली पुलिस अभी तक गोकुलपुरी और चांद बाग की पुलिया से आठ शव बाहर निकाल चुकी है लेकिन यहां रहने वाले लोगों के मन में एक बड़ा सवाल है कि आखिरकार दिल्ली पुलिस इस पूरे नाली की सफाई क्यों नहीं करवा रही है. सभी के मन में आशंका है कि इस नाले में कई और शव हो सकते हैं. लेकिन दिल्ली पुलिस किस बात का इंतजार कर रही है, क्या वह सही आंकड़े नहीं दिखाना चाहती हैं या इसकी कोई और वजह है?


गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन के नीचे गोकुलपुरी ड्रेन से अब तक पांच शव निकाले गए हैं. इनमें से दो की पहचान करावल नगर निवासी दो सगे भाइयों के रूप में की गई है. एक अन्य की पहचान भी हो चुकी है जबकि दो की पहचान होनी अभी बाकी है. वहीं गोकुलपुरी मेट्रो स्टेशन से शिव विहार की तरफ जाने वाली भागीरथी विहार की पुलिया से भी एक शव निकाला गया था.


वहीं स्थानीय लोगों के मन में ये सवाल है कि पुलिस इस पूरे नाले की सफाई क्यों नहीं करवा रही है. स्थानीय लोगों का दावा है कि भागीरथी से शिव विहार की ओर जाने वाले रास्ते में ज्यादा हिंसा हुई थी. ऐसी आशंका है कि कहीं ना कहीं इस नाले में और भी शव मिल सकते हैं.


नाले से मिला था अंकित शर्मा का शव


गोकुलपुरी ड्रेन का ही एक हिस्सा चांद बाग से भी बहता है. चांद बाग की पुलिया के नीचे जो नाला बह रहा है, यह वही नाला है जहां से कुछ दिन पहले ही आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा का शव निकाला गया था. दंगों के दौरान अंकित शर्मा की हत्या कर दी गई थी. अंकित के परिजनों ने आरोप लगाया था कि नेहरू विहार से निगम पार्षद ताहिर हुसैन ने उसकी हत्या करवाई है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन के खिलाफ मामला दर्ज किया. फिलहाल ताहिर फरार चल रहा है.


'बेटे को दंगाईयो ने चाकू मारा, डॉक्टर ने सिर्फ गोली देकर लौटाया'

गोकुलपुरी इलाके के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उनके बेटे पर कुछ दंगाइयों ने हमला किया और चाकू से वार कर उसे घायल कर दिया था. उन्होंने बताया कि जब मेरे बेटे को उसके दोस्त अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने उसकी कोई एमएलसी नहीं बनाई. ना ही कोई कागज बनाया, सिर्फ दवा देकर लौटा दिया. उस शख्स ने बताया कि दंगाइयों ने हिंसा के दौरान उसका ऑटो भी फूंक दिया.


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24-25 फरवरी की रात को ताहिर हुसैन को किया गया था रेस्क्यू- दिल्ली पुलिस