नई दिल्ली: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट पर राजनीति तेज हो गई है. फरवरी में हुए दिल्ली दंगों के लिए बीजेपी नेताओं को रिपोर्ट में जिम्मेदार ठहराया गया है. गुरुवार को जारी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण का आरोप लगाया.


दिल्ली हिंसा में बीजेपी नेताओं पर सवाल


डीएमसी के कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और 10 सदस्यीय समिति का नेतृत्व करने वाले एमआर शमशाद ने रिपोर्ट को जारी किया. रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों में हिंसा के लिए 'बार-बार उकसावे' का उल्लेख किया गया है. डीएमसी के बयान के मुताबिक, 'दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 तक बीजेपी नेताओं ने सीएए प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उकसाने वाले कई भाषण दिए.' रिपोर्ट के सामने आने पर बीजेपी ने आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि आयोग ने आधारहीन इल्जाम मढ़ने का काम किया है.


आयोग की रिपोर्ट में पुलिस पर भी आरोप


उन्होंने उसे एक राजनीतिक रिपोर्ट बताया. उन्होंने पूछा कि क्या इसमें दंगों के संबंध में जेल में बंद पार्षद ताहिर हुसैन का जिक्र किया गया है? उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी जा चुकी 130 पन्ने की रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस पर भी 'निष्क्रियता' बरतने का आरोप लगाया गया है. आयोग की रिपोर्ट पर दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने कहा, ' हमें दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की ओर से अब तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है.'


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