मुस्तफाबाद-मूंगा नगर में दंगाइयों ने जमकर मचाया कोहराम, हिंसा के निशान देखकर कांप जाएगी रूह
लोगों के मन में डर का माहौल इस कदर हावी है कि वे खुद अपनी सुरक्षा के लिए रात रात भर जागकर गलियों में पहरेदारी कर रहे हैं.खजूरी में रहने वाले 26 साल के अंकित शर्मा का मंगलवार शाम से कुछ पता नहीं है.
नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में पिछले 3 दिनों से चल रहे दंगा फसाद में मंगलवार रात को बेहद मामूली सी शांति बहाल हुई. लेकिन जमीन पर जाकर हिंसा के निशान देखें तो रूह कांप जाएगी. दयालपुर थाना इलाके के मुस्तफाबाद और मूंगा नगर की मेन रोड पर जगह-जगह तबाही का कोहराम इस कदर मचाया गया कि न तो कोई घर-दुकान सुरक्षित बचा और न ही सड़क चलने लायक. जहां एक ओर घर और दुकान जले हुए नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सड़क पर पत्थर और ईट के रोड़े इस कदर बिछे हुए हैं कि मानों सरकार नई सड़क बनाने की तैयारी कर रही हो.
खुद कर रहे हैं पहरेदारी
मूंगा नगर में रहने वाले लोगों के मन में डर का माहौल इस कदर हावी है कि वे खुद अपनी सुरक्षा के लिए रात रात भर जागकर गलियों में पहरेदारी कर रहे हैं. जब एबीपी न्यूज़ की टीम ने यहां के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि सोमवार और मंगलवार को इस इलाके में दंगाइयों ने तांडव मचाया है. न केवल पत्थर बल्कि पेट्रोल बम भी फेंके गए हैं. कुछ लोगों ने बताया कि फायरिंग भी की गई है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है. मूंगा नगर के ठीक सामने वाला हिस्सा खजूरी कहलाता है. वहां रहने वाले लोगों ने भी कुछ यही बात बताई और वहां की गलियों में भी यही नजारा देखने को मिला कि लोग खुद जाकर पहरेदारी कर रहे हैं.
कहां गया अंकित शर्मा
खजूरी में रहने वाले 26 साल के अंकित शर्मा का मंगलवार शाम से कुछ पता नहीं है. अंकित इंटेलिजेंस ब्यूरो में कार्यरत हैं. अंकित के भाई और मां का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम को अचानक से दंगाइयों ने गलियों में घुस-घुस कर घरों के अंदर पथराव करना शुरू कर दिया. तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया था. मदद मांगने के लिए परिजनों ने अंकित को भी फोन करके तुरंत आने के लिए कहा था. अंकित गली में तो आ गया लेकिन घर तक नहीं पहुंच पाया था. तभी दंगाई उसे खींच कर अपने साथ ले गए और मुस्तफाबाद की पुलिया के पास कहीं किसी स्थान पर ले गए. उसके बाद से अंकित का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई है. इतना ही नहीं अंकित की तलाश में उसके भाई और मां जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में भी होकर आ गए हैं, लेकिन वहां भी अंकित का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. अंकित की मां का रो-रोकर बुरा हाल है और वे अपने बेटे की सलामती को लेकर भी बेहद चिंतित हैं.
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