नई दिल्लीः भड़काऊ भाषण देने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि वह फिलहाल किसी भी शख्स के खिलाफ जल्दबाजी में केस दर्ज नहीं करना चाहती है. हालांकि भड़काऊ भाषणों के वीडियोज की जांच की जा रही है लेकिन पुलिस की पहली प्राथमिकता दिल्ली के हालात को सामान्य करने की है. जिसके बाद मामले की सुनवाई को 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया.


किसी के खिलाफ जल्दबाजी में कार्रवाई ठीक नहींः दिल्ली पुलिस


बीजेपी के तीन नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के ऊपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत में अपना जवाब दाखिल किया. दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में कहा कि पुलिस के पास सिर्फ इन नेताओं के ही नहीं बल्कि और भी कई सारे वीडियोज मौजूद हैं जिनकी पड़ताल की जा रही है, और जांच पूरी होने के बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली पुलिस का कहना है कि जल्दबाजी में किसी के खिलाफ मामला दर्ज करना ठीक नहीं होगा. क्योंकि इस वक्त दिल्ली पुलिस जो हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रही है उसके कामकाज के ऊपर भी असर पड़ सकता है.


कोर्ट ने मामले में केंद्र सरकार से मांगा जवाब


वहीं केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दलील देते हुए कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार को पार्टी नहीं बनाया गया है, लिहाजा केंद्र सरकार को भी इसमें पार्टी बनाया जाए जिससे कि केंद्र सरकार भी अपना पक्ष कोर्ट के सामने रख सके. केंद्र की इस मांग के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को पार्टी बनाकर नोटिस जारी किया और 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है.


दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 48 एफआईआर दर्ज


सुनवाई के दौरान ही दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि दिल्ली हिंसा मामले में अब तक कुल 48 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. लेकिन यह सभी एफआईआर हिंसा के मामले में हैं. पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों के हालात को जल्द से जल्द सामान्य करने की कोशिश कर रही है.


जस्टिस मुरलीधर की जगह मुख्य न्यायाधीश ने की सुनवाई


गौरतलब है कि कल दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश देते हुए कहा था कि वह भड़काऊ भाषण मामले में भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ किन धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकता है इस बात पर विचार करें और कोर्ट में आज दिल्ली पुलिस को वह रिपोर्ट देनी थी. लेकिन आज इस मामले की सुनवाई जस्टिस मुरलीधर के सामने नहीं बल्कि मुख्य न्यायाधीश के सामने हुई. बता दें कि कल इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश करने वाले थे लेकिन कल मुख्य न्यायाधीश के छुट्टी पर रहने के कारण जस्टिस मुरलीधर ने मामले की सुनवाई की थी. वहीं आज इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश ने की और उन्होंने केंद्र सरकार को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी कर 13 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी.


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