नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में महिला संगठन ‘पिंजरा तोड़’ की एक सदस्य को मंगलवार को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने जेएनयू कीछात्रा देवांगना कलिता को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत ने उन्हें गवाहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करने का निर्देश दिया.


फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान उत्तर पूर्व दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मई में नताशा नरवाल के समूह की कलिता और अन्य सदस्यों को मई में गिरफ्तार किया था. उन पर दंगा करने, गैरकानूनी तरीके से जमा होने और हत्या की कोशिश करने सहित भादंवि की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.


कलिता पर दिसम्बर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुई हिंसा और उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे सहित कुल चार मामले दर्ज हैं. उत्तरपूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. इन दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग घायल हो गए थे.


यह भी पढ़ें-
-23.9% GDP: प्रियंका गांधी ने आर्थिक पैकेज को बताया हाथी का दांत, कहा-BJP सरकार ने अर्थव्यवस्था डुबो दी
तनाव के बीच विदेश मंत्री जयशंकर का बड़ा बयान, कहा- भारत-चीन के रिश्ते महत्वपूर्ण, आपसी समझ बनाना जरूरी