नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने बीते फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित 78 मामलों में 410 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को फैले सांप्रदायिक दंगे में 53 लोगों की मौत हुई जबकि करीब 200 लोग घायल हुए थे.
आईबी कर्मी की हुई थी हत्या
दंगों के बाद खूफिया विभाग के 26 साल के कर्मचारी अंकित शर्मा का शव उसके घर के पास चांदबाग इलाके के एक नाले में मिला था. पुलिस ने अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया था. आरोपपत्र में पुलिस ने कहा है कि दंगों के पीछे एक गहरी साजिश थी और ताहिर हुसैन के नेतृत्व में भीड़ ने शर्मा को मारा था.
इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल भी झड़प के दौरान मारे गए. वह सहायक पुलिस आयुक्त के गोकुलपुरी कार्यालय से जुड़े हुए थे.
ताहिर हुसैन के घर में हुई थी हत्या
बता दें कि इस हत्याकांड की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को जांच के दौरान पता चला था कि दंगाइयों ने अंकित शर्मा को ताहिर हुसैन के घर के पास से ही अगवा किया था. उसे खींचकर हुसैन के घर के अंदर ले गए थे. जिसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड के आरोप में ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया था.
इस मामले में गिरफ्तार एक दूसरे आरोपी सलमान ने पुलिस को बताया था की अंकित की ताहिर के घर में पहले जमकर पिटाई की और फिर के लोगों ने चाकू से के वार किए. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी अंकित शर्मा के शरीर पर 50 से भी ज्यादा चाकू के घाव की बात सामने आयी थी.
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