दिल्ली हिंसा: एक हफ्ते बाद प्रभावित इलाकों में माहौल शांत, सात मार्च तक बंद रहेंगे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के स्कूल
दिल्ली हिंसा में मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खजूरी खास और भजनपुरा शामिल हैं.हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली में हिंसा का एक हफ्ता पूरा हो गया है. हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. लोग अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से बाहर निकल रहे हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाकों में भी स्थिति शांतिपूर्ण है. सुरक्षाकर्मियों की व्यापक गश्त के बीच खुलीं कुछ दुकानों से किराने का सामान और दवाइयां खरीदने के लिए लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं. दिल्ली हिंसा में मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खजूरी खास और भजनपुरा शामिल हैं.
स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, मुस्तफाबाद, भजनपुरा, शिव विहार, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. हिंसा के दौरान संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंपों को फूंक दिया और स्थानीय लोगों व पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. इस मामले में पुलिस ने अबतक 167 एफआईआर दर्ज की है और 885 लोगों को या तो गिरफ्तार किया है या फिर हिरासत में लिया गया है.
सात मार्च तक स्कूल बंद
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के स्कूल अभी भी बंद हैं. हिंसा के मद्देनजर सात मार्च तक स्कूल बंद रहेंगे. अधिकारियों के अनुसार हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है, इसलिए वार्षिक परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया गया है.
सुरक्षाकर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर खत्म करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं. वे स्थानीय निवासियों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने व इस संबंध में पुलिस में शिकायत करने का अनुरोध कर रहे हैं.
हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे के रूप में 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतक के परिवार को एक लाख रुपये की मदद तुरंत मुहैया कराई जाएगी, जबकि 9 लाख रुपये दस्तावेजों से पुष्टि होने के बाद दिए जाएंगे.
विकलांग हुए पीड़ितों को 5 लाख रुपये
केजरीवाल ने कहा, "हिंसा में विकलांग हुए पीड़ितों को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से जख्मी लोगों को 2 लाख रुपये और अनाथ हुए बच्चों को सरकार 3 लाख रुपये की मदद देगी."
'फरिश्ते योजना' के दायरे को बढ़ाने की भी घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा में मरने वालों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की. उन्होंने इसके लिए 'फरिश्ते योजना' के दायरे को बढ़ाने की भी घोषणा की, जिससे हिंसा से प्रभावित कोई भी व्यक्ति निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकेगा.
इन लोगों को भी मिलेगा मुआवजा
उन्होंने उन लोगों को भी सरकार की ओर से मदद देने की बात कही, जिन्हें हिंसा के दौरान अपनी संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा है. इसमें रिक्शा व ई-रिक्शा की क्षतिपूर्ति भी शामिल है. एक ऐप शुरू किया जाएगा, जिसकी मदद से प्रभावित मुआवजे का दावा दायर कर सकेंगे.
यह भी पढ़ें-
जम्मू-कश्मीर में एलजी के सलाहकार फारूख खान का दावा- एक समय कश्मीर सौ फीसदी हिंदू राज्य था
नागरिकता कानून: आज कोलकाता में गृह मंत्री अमित शाह की बड़ी रैली, लेफ्ट संगठन कर सकते हैं विरोध