नई दिल्ली: दिल्ली दंगों की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की एसआईटी की टीम को एक सफलता और हाथ लगी है. सूत्रों की मानें तो चांद बाग इलाके में डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी अनुज कुमार, हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल और पुलिस टीम पर जिन महिलाओं ने हमला किया था, उनमें से 6 महिलाओं की पहचान कर ली गई है. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक इन महिलाओं को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और उसके बाद इनकी गिरफ्तारी भी संभव है.
दरअसल चांद बाग इलाके का जो वीडियो सामने आया था, उसमें साफ दिख रहा था कि कैसे पुलिस टीम पर हमला किया गया हमला करने वालों में कुछ महिलाएं भी शामिल थीं. इस हमले में हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी, जबकि डीसीपी अमित शर्मा और एसीपी अनुज कुमार गंभीर रूप से घायल हुए थे.
क्राइम ब्रांच की टीम को जो भी वीडियो मिले हैं, उन वीडियो के आधार पर ही महिलाओं की पहचान की गई है और उनको पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं. जब एबीपी न्यूज़ ने हमले में घायल हुए एसीपी अनुज कुमार से बात कि थी तब उन्होंने भी बताया था की दंगाइयों की भीड़ में महिलाएं भी शामिल थीं. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक टेक्निकल सर्विलांस के जरिए और वीडियो के आधार पर महिलाओं की तलाश की जा रही है.
दिल्ली हिंसा की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे इस मामले में तमाम खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने अभी तक जितने भी मोबाइल रिकवर किए हैं उन सभी को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के मुताबिक दंगे एक सोची-समझी साजिश के तहत किए गए थे, ऐसा जांच में सामने आ रहा है.
क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो दंगों से पहले कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए और उन ग्रुप में हिंसा फैलाने के मैसेजेस भेजे गए और दंगाइयों को कहां-कहां पर इकट्ठा होना है कैसे दंगे को अंजाम देना है यह भी बताया गया. क्राइम ब्रांच के मुताबिक अब तक जो भी हथियार रिकवर किए गए हैं, जैसे पिस्तौल, गुलेल, पत्थर,पेट्रोल बम और तेजाब ये सब हिंसा के लिए ही मंगवाए गए थे और ये कोई 1 दिन की प्लानिंग नहीं थी.