मिसाल: हिंसा के दौरान यमुना विहार में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हिंदू-मुस्लिम
हिंसा के दौरान सड़क पर पत्थर बिखरे हुए थे. आस पास की गलियों में गाड़ियां जला दी गई थी, लेकिन C-12 मोहल्ले में रहने वाले लोगों ने एकसाथ खड़े रहने की ठानी.अब्दुल नाम के एक निवासी का कहना था कि लोगों ने हिंसा की कोशिश की, लेकिन हमने किसी को घुसने नहीं दिया.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हिंसा के दौरान यमुना विहार के एक मोहल्ला ने एकता की मिसाल पेश की है. हिंसा के दौरान इस मोहल्ले के हिंदू-मुस्लिम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे और उपद्रवियों को मोहल्ले में घुसने नहीं दिया. यमुना विहार के ब्लॉक C-12 में हिन्दू आबादी भी रहती है और मुस्लिम आबादी भी. पढ़ें ये रिपोर्ट.
भाईचारे और एकता की मिसाल बन गया ये मोहल्ला
उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में जिस समय उपद्रवियों की भीड़ हिंसा फैला रही थी, उस वक्त यमुना विहार का एक मोहल्ला ऐसा भी था जो भाईचारे और एकता की मिसाल बन गया. यमुना विहार का ब्लॉक C-12 जिसमें हिन्दू आबादी भी रहती है और मुस्लिम भी. दंगाइयों की भीड़ ने इस गली में भी घुसने की कोशिश की लेकिन यहां रहने वाले लोग एक साथ खड़े हो गए और भीड़ को अंदर नहीं दाखिल होने दिया.
अंदर घुसकर दंगा नहीं फैला पाए उपद्रवी
हिंसा के दौरान मुख्य सड़क पर पत्थर बिखरे हुए थे. आस पास की गलियों में गाड़ियां जला दी गई थी, लेकिन C-12 में रहने वाले लोगों ने एकसाथ खड़े रहने की ठानी. इस गली में न गाड़ियां जली न उपद्रवी अंदर घुसकर दंगा फैला पाए. यहां रहने वाले लोगों से जब एबीपी न्यूज़ ने बात की और जो तस्वीर देखने को मिली वो वाकई दिल को खुश कर देने वाली थी.
हालात बहुत खराब थे लेकिन हम साथ खड़े रहे- स्थानीय निवासी
अब्दुल नाम के एक स्थानीय निवासी का कहना था कि लोगों ने हिंसा की कोशिश की, लेकिन हमने किसी को घुसने नहीं दिया. वहीं, रोहित नाम के निवासी ने बताया, हालात बहुत खराब थे लेकिन हम साथ खड़े रहे. दूसरे शख्स सरफराज ने कहा कि हम यहां पांच साल से रहते हैं और दंगे के समय लोगों ने भाईचारा बनाये रखा. दंगाई जब घुस रहे थे सभी पुरुष घर से बाहर निकलकर एक साथ खड़े हो गए.
अन्य निवासी वंदना बंसल ने बताया कि सबने मिलकर फैसला लिया कि महिलाएं अंदर हो जाएं और पुरुष बहार खड़े हो गए. एक दुकान से लोगों ने मारने के लिए बोतले उठा लीं, लेकिन किसी ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया.
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