Delhi Water Crisis: दिल्ली में भीषण गर्मी जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (3 जून) को कहा कि अपर यमुना रीवर बोर्ड की इमरजेंसी बैठक पांच जून को बुलाई जाए. ऐसा इसलिए ताकि पानी की कमी की समस्या से निपटा जा सके. इसमें केंद्र, हिमाचल, हरियाणा और दिल्ली के प्रतिनिधि शामिल हों. 


सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार की अतिरिक्त पानी की मांग की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि राष्ट्रीय राजधानी में पानी की बर्बादी हो रही है. दिल्ली में टैंकर माफिया है और पानी भी लीक होता है. ऐसे में इसे सुधारने पर भी ध्यान देना चाहिए.


वहीं, दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अपर यमुना रिवर बोर्ड (Upper Yamuna River Board) पिछले 1 साल से कोई समाधान नहीं निकाल रहा है. 


किसने क्या दलील  दी?
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यमुना रिवर बोर्ड मामले को देखता है. वह सभी राज्यों के संपर्क में है. सिंघवी ने दलील दी कि हीटवेव चल रही है. वहीं, कोर्ट ने कहा कि मामले में अगली सुनवाई छह जून को होगी. 


दिल्ली सरकार ने याचिका में क्या मांग की है?
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने याचिका में मांग की है कि हरियाणा हिमाचल प्रदेश के उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को हमारे लिए जारी करे. 


याचिका में कहा गया है, ‘‘पानी की उपलब्धता किसी भी व्यक्ति के बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है. पानी न केवल जीने के लिए आवश्यक है, बल्कि पानी तक पहुंच संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा एवं गुणवत्तापूर्ण जीवन की गारंटी का एक अनिवार्य घटक भी है.’'


यूपी और हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखा लेटर
दिल्ली की जल मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने हाल ही में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी को लेटर लिखकर एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का अनुरोध किया है.


आतिशी ने दावा भी किया कि हरियाणा सरकार दिल्ली को उसके हिस्से का पानी नहीं दे रही है. इसको लेकर बीजेपी ने पलटवार किया है. 


हरियाणा के सीएम ने क्या कहा?
हरियाणा के सीएम सैनी ने आतिशी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हम दिल्ली को उनके हिस्से का पानी दे रहे हैं. 


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