नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी को देखते हुए लॉकडाउन 2 का ऐलान भी कर दिया गया है. इस सबके बीच में कोरोना वॉरियर्स लगातार अपने फर्ज को निभाने में लगे हुए हैं. पिछले कई दिनों से कोरोना वॉरियर्स अपने काम में लगे हुए हैं मकसद एक ही है कि देश को कोरोना के खतरे से बचाना है. इस सब के बीच कई ऐसे लोग भी हैं जो जनता की सेवा के लिए और जरूरतमंदों तक सामान पहुंचाने में भी सहयोग दे रहे हैं. ऐसे ही एक शख्स है दिल्ली के भैरव मंदिर के पुजारी महंत गंगा नाथ जो प्यासे लोगों को पीने के पानी की सील बोतल पहुंचा रहे हैं. महंत गंगा नाथ की प्राथमिकता उन लोगों तक पानी पहुंचाने की है जो लोग हमको और आपको कोरोना से बचाने की जंग में कोरोना वॉरियर की भूमिका में है.
भैरव मंदिर के पुजारी गंगानाथ सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मियों तक पहुंचा रहे हैं पीने का पानी
दिल्ली के भैरव मंदिर के पुजारी महंत गंगानाथ सुबह से अपनी गाड़ी लेकर निकलते हैं. इस गाड़ी में पानी की बोतलें रखते हैं और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में घूम कर सड़कों पर तैनात सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मियों को पानी की बोतलें मुहैया कराते हैं. मकसद यही है कि ये लोग देश की जनता को कोरोना से बचाने के लिए भीषण गर्मी में अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. महेंद्र गंगानाथ का कहना है कि वह सुरक्षाकर्मियों और सफाई कर्मियों को पीने का पानी मुहैया करा कर यह सुनिश्चित करते हैं कि पुलिस के जवानों और सफाई कर्मचारियों को इस तपती धूप में प्यासा ना रहना पड़े.
दिन भर में 200 से 250 बोतल पानी बांट रहे हैं
महंत गंगानाथ की मानें तो वह सुबह से पानी की बोतलों की 15 से 20 कैरेट यानी करीबन 200 से 250 बोतल पानी लेकर निकलते हैं. इसके बाद वो हर उस पॉइंट और जगह पर जाते हैं जहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात है या फिर जहां पर सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं. महंत गंगानाथ का कहना है कि जरूरतमंदों को तो खाना पहुंचाने के काफी सारे इंतजाम किए गए हैं लेकिन कई बार इस सब के बीच हमारी और आपकी सुरक्षा में जो जवान तैनात हैं उनकी अनदेखी हो जाती है उनको पीने तक के पानी में की भी दिक्कत होने लगती. इसी वजह से अलग-अलग पोस्ट और जगह पर जाकर गंगानाथ पानी की बोतल बांट रहे हैं.
फिलहाल अपनी जेब से ही खर्च कर रहे हैं पैसा
महंत गंगानाथ की मानें तो वह पिछले 10 से 12 दिनों से इसी तरह से कोरोना वॉरियर्स को पानी पहुंचा रहे हैं. अमूमन 1 दिन में 4000 रु से 5000 रु तक का खर्चा होता है और यह खर्चा वह अपने पास से ही कर रहे हैं. गंगानाथ का कहना है कि फिलहाल पैसे का इंतजाम अपने आप ही हो जाता है और उस पैसे को जनता की सेवा में इस्तेमाल कर रहे हैं.
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