हम भी कोर्ट में अपना पक्ष रखना चाहते हैं कि सीएए कितना असंवैधानिक है- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड पर धरना चल रहा है. इसकी वजह से ये सड़क एक महीने से ज्यादा समय से बंद है. ये रोड दिल्ली और नोएडा को जोड़ती है.हाथों में बाइबिल लिए हुए एक प्रदर्शनकारी एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने कहा कि केवल एक पक्ष को सुनना मुद्दे का समाधान नहीं है.
![हम भी कोर्ट में अपना पक्ष रखना चाहते हैं कि सीएए कितना असंवैधानिक है- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी Delhi- We also want to present our view in the court how unconstitutional the CAA is - Shaheen Bagh protesters हम भी कोर्ट में अपना पक्ष रखना चाहते हैं कि सीएए कितना असंवैधानिक है- शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/01/23133749/shaheen-bagh-2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र को चार हफ्ते का वक्त दिए जाने के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को कहा कि वे भी न्यायाधीशों के समक्ष अपना दृष्टिकोण रखना चाहते हैं कि संशोधित नागरिकता कानून कितना असंवैधानिक है.
शाहीन बाग की निवासी तस्मीन बानो ने कहा कि चूंकि प्रदर्शन को एक महीने से ज्यादा हो चुके हैं इसलिए जब तक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) वापस नहीं होता तब तक वे सभी वहां से नहीं हटेंगे.
अपनी एक साल की बेटी के साथ प्रदर्शन स्थल पर आयी बानो ने कहा, ‘‘हमने सुना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को समय दिया है और तब तक वे सीएए पर रोक नहीं लगाऐंगे. हम भी अपना दृष्टिकोण साबित करने के लिए तैयार हैं और अदालत को बता सकते हैं कि संशोधित नागरिकता कानून कितना असंवैधानिक है. ’’
हाथों में बाइबिल लिए हुए एक प्रदर्शनकारी एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने कहा कि केवल एक पक्ष को सुनना मुद्दे का समाधान नहीं है.
उन्होंने कहा , ‘‘उन्हें (अन्य याचिकाकर्ताओं) भी सुने जाने की जरूरत है. हमें पूरा विश्वास है कि हम अपना रूख साबित कर देंगे कि संशोधित नागरिकता कानून कितना असंवैधानिक है. ’’
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि केन्द्र का पक्ष सुने बगैर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के क्रियान्वयन पर रोक नहीं लगायी जायेगी. कार्ट ने कहा कि इस कानून की वैधता के बारे में पांच सदस्यीय संविधान पीठ फैसला करेगी.
पेशे से सॉफ्टवेयर डेवलपर तनवीर अख्तर ने कहा कि देश भर में पहले से 100 शाहीन बाग हैं .जब तक कानून वापस नहीं होता प्रदर्शनकारी एक इंच नहीं हटेंगे, एक अन्य प्रदर्शनकारी जेबा कसी ने आरोप लगाया कि सरकार इस प्रदर्शन को बदनाम करने का प्रयास कर रही है.
दिल्ली के शाहीन बाग ने जो रवायत शुरू की अब वो धीरे-धीरे पूरे मुल्क में फैल रही है और जाहिर अगर वैसा हुआ तो जो दिक्कत दिल्ली झेल रही है वो शहर-शहर सरेआम हो जाएगी, क्योंकि पूरी दिल्ली चंद लोगों के विरोध प्रदर्शन की वजह, 39 दिन से शाहीन बाग की सड़क बंद हैं.
अगर चुनावी प्रक्रिया में बाधा आती है तो उचित कार्रवाई करेंगे- दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि अगर विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में विरोध प्रदर्शन की वजह से बाधा पहुंचने की कोई शिकायत आती है तो वह उचित कार्रवाई करेगी. विशेष पुलिस उपायुक्त (चुनाव) प्रवीण रंजन ने कहा कि पुलिस को अभी चुनावी प्रक्रिया में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की तरफ से बाधा पहुंचाए जाने के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं.
पुलिस सड़क खाली करने की अपील कर चुकी है
महिलाओं और बच्चे समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर से शाहीन बाग में सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ धरना दे रहे हैं. रंजन ने कहा कि पुलिस पहले ही प्रदर्शनकारियों से जगह खाली करने की अपील कर चुकी है. वहीं, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बुधवार को स्कूली बच्चों, मरीजों और आम लोगों को पेश आ रही समस्याओं को देखते हुए प्रदर्शनकारियों से यह धरना खत्म करने की अपील की. कल यानी मंगलवार को शाहीन बाग के एक डेलीगेशन ने दिल्ली के उपराज्यपल से मुलाकात की थी. डेलीगेशन के एक सदस्य ने मुलाकात के बाद बताया कि वे पहले एंबुलेंस को जाने की जगह दे रहे थे और अब वे स्कूल बसों को भी जगह देंगे लेकिन प्रदर्शन जारी रखेंगे.
Republic Day 2020: फुल ड्रेस रिहर्सल आज, जानिए इस बार परेड में क्या कुछ रहेगा खास
नेपाल: आठ भारतीयों के शवों का हुआ पोस्टमार्टम, आज लाए जाएंगे भारत
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)