Delhi Temperature Forecast: पिछले कई दिनों से लगातार बारिश से तरबतर हो रही दिल्ली में मंगलवार की सुबह भी तेज हवाओं और बिजली की गड़गड़ाहट के साथ बारिश का एक और दौर आया. दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में आज सुबह जोरदार बारिश हुई. 


राजधानी में ऐसे बेईमान होते मौसम की तस्वीर पिछले कुछ दिनों से रोज दिख रही है. मौसम विभाग ने अप्रैल के महीने में बारिश होने का कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया है. लेकिन पर्यावरणविद् इस बेईमान मौसम को क्लाइमेट चेंज का एक रूप मान रहे हैं.


आखिर कब तक ऐसी बारिश होती रहेगी?


ऐसे में सवाल तो बनता है कि आखिर मौसम को क्या हो गया है? मौसम क्यों बेईमान हो गया है? आखिर क्यों ठंड के मौसम में गर्मी और गर्मी के मौसम में बारिश हो रही है, क्योंकि इससे पहले हमने देखा बीती फरवरी के महीने में ही तेज गर्मी पड़ने लगी थी और अब अप्रैल महीने में यानी गर्मी के मौसम में रुक-रुक कर बारिश हो रही है. सवाल ये भी है कि आखिर कब तक ऐसी बारिश होती रहेगी.


मार्च में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय 


इस सवाल का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि से बात की. आरके जेनामणि ने बताया कि "मार्च के महीने में मौसम में बहुत एक्टिविटी थी. मार्च में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय था जिसका उत्तर भारत और मध्य प्रदेश में असर था, लेकिन अब पश्चिमी विक्षोभ का असर कम हो रहा है. आगे जो पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है वह सक्रिय नहीं है. आज रात तक पंजाब, हरियाणा की कुछ जगहों पर बूंदाबांदी हो सकती है." 


मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा, "अगले 5 से 7 दिनों तक कोई भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं है. अब धीरे-धीरे तापमान बढ़ेगा. अगले 5 से 6 दिनों में दिल्ली का तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक चला जाएगा. अभी जो रुक-रुक कर बारिश होने का सिलसिला था यह अब बंद हो जाएगा. दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में अगले 7 दिनों तक कोई बारिश नहीं होगी."


धीरे-धीरे भयावह से भयावह स्थिति में जा रहे हैं- पर्यावरणविद् 


मौसम विभाग के मुताबिक़ अब दिल्ली एनसीआर में बारिश देखने को नहीं मिलेगी. लेकिन जिस तरीके से बेमौसम बरसात दिल्ली और आसपास के इलाकों के देखने को मिली उससे पर्यावरणविद् चिंतित हैं. पर्यावरणविद् पंकज कुमार ने कहा, "मौसम में यह बदलाव काफी सालों से हो रहा है. यह बदलाव क्लाइमेट चेंज की वजह से हो रहा है. हम धीरे-धीरे भयावह स्थिति में जा रहे हैं. अब भी बेमौसम हुई बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हुई. इससे सरकार के खाद्यान्न भंडार पर काफी बुरा असर पड़ा.."


पंकज कुमार ने कहा कि विश्व की बड़ी-बड़ी संस्थाएं जैसे यूएन की रिपोर्ट्स कहती हैं कि आने वाला वक्त बहुत भयावह होने वाला है. ग्राउंड वॉटर खत्म हो जाएगा. मौसम में बदलाव की वजह से सामान्य जन जीवन, किसान सब मुश्किल में आएंगे. जब आप एक लंबे समय तक पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करते रहते हैं तो फिर आपको मौसम में यह बदलाव देखने को मिलते हैं.


5 साल या 10 साल में ऐसी बारिश होती है 


हालांकि मौसम वैज्ञानिक इस तर्क को सही नहीं मान रहे हैं. मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बेमौसम बरसात को क्लाइमेट चेंज का इफेक्ट नहीं बल्कि पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना माना है. यह बारिश क्लाइमेट चेंज का असर नहीं है. पिछले साल बहुत गर्मी थी लेकिन उससे पहले वाले साल में बारिश होती रहती थी. मई 2021 में काफी बारिश हुई थी. हर 5 साल या 10 साल में ऐसी बारिश होती ही रहती है लेकिन इसका मतलब नहीं कि यह क्लाइमेट चेंज है.


आम लोगों ने भी चिंता जताई


वहीं, बेमौसम बरसात को लेकर आम लोगों ने भी चिंता जाहिर की है. कुछ लोग जरूर बरसात के बाद खुशनुमा हुए मौसम का मजा लूट रहे हैं लेकिन वहीं कुछ लोग बेमौसम बरसात की वजह से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल के नुकसान पर अफसोस जता रहे हैं, और सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार पीड़ित किसानों को मुआवजा दे.


लघु प्रकाश राय नाम के शख्स ने कहा कि पूरी दुनिया में क्लाइमेट चेंज का असर देखने को मिल रहा है. अप्रैल के पहले हफ्ते में बारिश हो रही है. वेस्टर्न डिस्टरबेंस देर से आया है कभी 15 दिन पहले बारिश हो जाती है कभी 15 दिन बाद में बारिश हो जाती है. किसानों पर इसकी मार पड़ रही है तो क्लाइमेट चेंज से असर दिख रहा है. 


लोगों की राय


वहीं, ज्योति ने कहा कि पहले तो अप्रैल के महीने में काफी गर्मी पड़ती थी, आप बाहर भी नहीं घूम सकते थे. लेकिन अब मौसम काफी सुहाना हो गया है. लू गर्मी सब लगती थी. आरती सिंह ने बताया, इसकी वजह से जो मौसम हमें फरवरी में रहना चाहिए वह मार्च में मिल रहा है अप्रैल के महीने में गर्मी होनी चाहिए तो बारिश हो रही है यह अभी तो हमारे लिए अच्छा है लेकिन आने वाले वक्त में गर्मी ज्यादा पड़ेगी. 


अखिलेश ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था किसानों पर निर्भर करती है और बेमौसम बरसात से उन्हीं किसानों की फसल पूरी बर्बाद हो गई तो मौसम तो भगवान के हाथ में है लेकिन किसानों को नुकसान बहुत हो रहा है.


तापमान में गिरावट 


बारिश होने से से ठीक पहले मौसम विभाग ने बारिश के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया था. इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में तेज़ आंधी और ओलावृष्टि की भी संभावना जताई थी. मौसम विभाग के अलर्ट के मुताबिक बारिश के साथ ही तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. फिलहाल दिल्ली का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस है.


बारिश की वजह से दिल्ली के कुछ इलाकों में जलजमाव की भी स्थिति बन गई. बारापूला फ्लाईओवर का एक हिस्सा जलमग्न हो गया है. गाड़ियां पानी से बचने के लिए दूसरे साइड से जाने की कोशिश करती रहीं. हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक कल से दिल्ली एनसीआर का मौसम शुष्क रहने वाला है और तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है. यानी अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है.


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