क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों की अगुआई करेंगे अरविंद केजरीवाल?
CM Kejriwal: सीएम केजरीवाल की लिखी चिट्ठी में बुलाए मुख्यमंत्री के ग्रुप को G-8 नाम भी दिया गया था जिसके लीक होने से...
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Delhi CM Arvind Kejriwal: इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की एक चिट्ठी काफी चर्चाओं में हैं. अरविंद केजरीवाल ने ये चिट्ठी देश के 7 मुख्यमंत्रियों को लिखी है.
इस चिट्ठी के मुताबिक 18 मार्च को 8 मुख्यमंत्रियों को एक जगह साथ में लंच करने के लिए आमंत्रित किया गया था. जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत शोरेन और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को शामिल होना था.
G-8 नाम दिया गया ग्रुप को...
इस ग्रुप को प्रोग्रेसिव चीफ मिनिस्टर्स ग्रुप ऑफ इंडिया या G-8 नाम भी दिया गया. हालांकि तब ये बैठक हो नहीं पायी लेकिन चिट्ठी लीक हो जाने से सियासी गलियारों में हलचल ज़रूर मच गई. इसके मायने निकाले जाने लगे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी वर्सेस क्या अरविंद केजरीवाल होने जा रहा हैं? वो इसलिए क्योंकि अरविंद केजरीवाल जिन मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने की बात कर रहे हैं वो सभी मोदी के खिलाफ एक अलग फ्रंट बनाने की तैयारियों में लगे हुए हैं. ये अलग फ्रंट लगातार अपने लिए अगुवाई करने वाले नेता की तलाश भी कर रहा है.
ऐसे में अरविंद केजरीवाल की ये पहल भी दर्शाती है कि क्या 2024 में मोदी के खिलाफ एक अलग रणनीति के तहत अरविंद केजरीवाल मुख्य चेहरे के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं.
कौन करेगा मोदी के ख़िलाफ़ अलग मोर्चे की अगुआई?
मोदी के खिलाफ अलग मोर्चे की अगुआई अरविंद केजरीवाल कर सकते हैं. ये इसलिये भी माना जा रहा है क्योंकि दिल्ली और पंजाब दो राज्यों में इस वक़्त आम आदमी पार्टी की सरकार है. जिसकी वजह से अरविंद केजरीवाल का पलड़ा ममता और नीतीश कुमार से भारी है. साथ ही गुजरात में भी प्रमुखता से बीजेपी के ख़िलाफ़ अरविंद केजरीवाल ने चुनाव लड़ा और काफ़ी वोट प्रतिशत हासिल भी किया. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल राजस्थान, मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण चुनावों में भी इस साल हिस्सा लेने जा रहे हैं. यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल को 2024 में मोदी के खिलाफ़ एक बड़े चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है.
वहीं ममता बनर्जी ने हाल ही में 'एकला चलो' के रास्ते पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. ममता ने हाल ही में ये बयान भी दे दिया कि राहुल जब तक मोदी के ख़िलाफ़ चेहरा बने रहेंगे तब तक मोदी को हराना मुश्किल होगा.
नीतीश कुमार भी मोदी के खिलाफ अपने चेहरे के जोर आज माईश में लगे हुए हैं. यही वजह है कि वो अलग-अलग दलों के नेताओं से मुलाकात कर एक अलग मोर्चा तैयार करने की कोशिश में लगे हुए हैं. लेकिन इस बीच आज इस चर्चित चिट्ठी पर अरविंद केजरीवाल का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि ये 8 मुख्यमंत्रियों का एक साथ आने का मक़सद 2024 का चुनाव या किसी फ़्रंट बनाने की तैयारी नहीं बल्कि ये एक-दूसरे राज्यों से उनके बेहतर मॉडल को अपने राज्य में लागू करने को लेकर है.
मैं प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहा हूं- अरविंद केजरीवाल
इस पूरे मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये एक प्लेटफार्म बन रहा है. लगभग 8 मुख्यमंत्री से मेरी कई दौर की वार्ता हो चुकी है. ये पॉलिटिकल प्लेटफार्म नहीं है ये एक गवर्नेंस प्लेटफ़ॉर्म है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मुझे ऐलान करना पड़ रहा है. मैं प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहा हूं. हम सभी 8 मुख्यमंत्रियों को मिलकर एक प्रेस कांफ्रेंस करनी थी. हमने तय किया कि हर महीने हम सभी 8 सीएम एक राज्य में जाएंगे और उन्होंने जो अच्छे काम किये हैं उन्हें देखकर आएंगे ताकि हम एक दूसरे से सीख सकें.
चिट्ठी लीक होने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो जो चिट्ठी लीक हुई है वो तारीख को फाइनल करने को लेकर था. सब अलग-अलग तारीख बता रहे थे. फिर लगा कि पहले तारीख फाइनल कर देते हैं. 18-19 तारीख किसी को सूट नहीं कर रही है तो अब इसे मध्य अप्रैल के बाद ही रखा जायेगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये अभी प्रोग्रेस में है जो लीक हो गया है. अंत मे कौन-कौन आएंगे, ये कैसे होगा हम उसकी पूरी जानकारी देंगे. वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसका 2024 लोकसभा चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. हालांकि इस समूह में कांग्रेस शामिल नहीं है.
इस चिट्ठी का सामने आना और फिर अरविंद केजरीवाल का 23 मार्च को जंतर-मंतर पर मोदी हटाओ, देश बचाओ आंदोलन की शुरुआत करना ये काफ़ी हद तक इशारा करता है कि अरविंद केजरीवाल 2024 में मोदी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है. माना ये भी जा रहा है कि अगर 2024 के चुनाव में कुछ नहीं भी हो पाया तो कम से कम 2029 के लोकसभा चुनाव तक अरविंद केजरीवाल बीजेपी के खिलाफ मुख्य चेहरे के तौर पर अपनी भूमिका तैयार कर लेंगे.
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