Delhi Woman Tried To Attempt Suicide: देश की राजधानी दिल्ली में सुसाइड (Suicide) की कोशिश में नाकाम होने पर एक महिला के भारी भरकम मेडिकल बिल (Medical Bill) भरने का एक अनोखा मामला सामने आया है. महिला ने परिवार की आर्थिक हालात (Economic Conditions) से तंग आकर आत्महत्या करने का खौफनाक उठाया था. महिला के परिवार से अब एक प्राइवेट अस्पताल ने उसके इलाज के लिए लगभग 4 लाख रुपये का मेडिकल बिल जमा करने को कहा है.


महिला के पिता ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को 10 दिसंबर को छत के पंखे से लटका पाया. उसके बिस्तर पर एक नोट था, जिसमें लिखा था कि वह अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति से परेशान है. परिवार ने कुछ पड़ोसियों की मदद से पहले उसे एक सरकारी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज में देरी के कारण वे उसे दक्षिण दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


4 लाख रुपये हुआ अस्पताल का बिल


महिला के पिता ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल में भर्ती के समय उन्हें 75,000 रुपये जमा करने के लिए कहा गया , फिर अस्पताल ने 10,000 रुपये और मांगे. पिता ने कहा कि उन्होंने किसी तरह उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पैसे उधार लेकर यह रकम चुकाई. अब मेडिकल बिल करीब 4 लाख रुपये आ गया है. वह नहीं जानते कि  इसका भुगतान कैसे करेंगे.


फिलहाल, महिला अस्पतला में आईसीयू में भर्ती है और उसकी सेहत में सुधार हो रहा है. परिवार ने कहा कि वह होश में है, लेकिन बेहद परेशान है. परिवार ने कहा कि जब वो उसे अस्पताल लेकर आए थे, तो डॉक्टरों ने उनसे कहा था कि अगर वो पांच मिनट भी देर कर देते तो वह बच नहीं पाती. 


परिवार ने अस्पताल से क्या कहा?


परिवार ने कहा कि वो लोग महिला की जान बचाने और उसका इलाज कराने के लिए बेताब थे और अब परिवार इसका खामियाजा भुगत रहा है. सभी डॉक्टर हमारी बात सुन रहे हैं और उनका कहना है कि वे समझ रहे हैं कि हम क्या कर रहे हैं, लेकिन कोई भी हमें कोई समाधान नहीं दे रहा है. परिवार के पड़ोसी ने कहा कि वह उठती है और डिस्चार्ज होने के लिए रोती है. अस्पताल में हर दिन बिल बढ़ रहा है. परिवार ने अस्पताल से बिल माफ करने और उसे एक सरकारी अस्पताल में ट्रांसफर करने में मदद करने की गुजारिश की है, जहां उसका बाकी इलाज पूरा किया जा सके. 


महिला ने क्यों लगाई फांसी?


महिला के परिवार में उसका पति, तीन साल का बेटा और उसके माता-पिता हैं. महिला के पिता ने कहा कि उसने खुद को को फांसी लगा ली क्योंकि हम अपनी रोजाना जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं और अब हम पर यह मेडिकल बिल थोप दिया गया है. उन्होंने कहा हमारी प्राथमिकता है कि वह ठीक हो जाए और फिर हम देखेंगे कि क्या अस्पताल प्रशासन हमारी मदद कर सकता है या अगर हम पैसे की व्यवस्था करने के लिए कोई और रास्ता खोज सकते हैं.


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