नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका में एक निजी शेल्टर होम में छोटी बच्चियों के साथ हैवानियत की घटना सामने आई है. बताया जा रहा है कि इस शेल्टर होम में अनुशासन के नाम पर छोटी-छोटी बच्चियों को मिर्च खिलाए जाते थे और गलती करने पर उनके गुप्तांगो (प्राइवेट पार्ट) में मिर्च पाउडर डाल दी जाती थी. दिल्ली महिला आयोग की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्चियों को अनुशासन के नाम पर कई तरह की यातनाएं दी जाती थी.


आयोग को इस बात की भनक लगी थी कि शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. जिसके बाद महिला आयोग ने पुलिस की एक टीम को सादी वर्दी में भेजा जिससे कि वहां रह रही बच्चियां अपना बयान बिना डरे दर्ज करा सके. घटना के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है.


दिल्ली सरकार की सलाह पर दिल्ली महिला आयोग ने सरकारी और निजी शेल्टर होम की जांच करने और इनमें सुधार के लिए सलाह देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी.


जिसके बाद समिति ने एक शेल्टर होम का दौरा किया. दौरे के बाद समिति के सदस्यों ने शेल्टर होम में रहने वाली अलग अलग उम्र समूह 6-9 साल, 10-13 साल, और 13-15 साल की लड़कियों से बात की और वहां रहने के बारे में उनके अनुभव को जानने की कोशिश की.


शेल्टर होम में रहने वाली बड़ी उम्र की लड़कियों ने बताया कि उन्हें सारे घरेलू काम करने पड़ते हैं. शेल्टर होम में कम स्टाफ होने के कारण बड़ी लड़कियां छोटी बच्चियों की देखभाल करती है. बड़ी लड़कियों से बर्तन धुलवाये जाते थे, कमरे और टॉयलेट साफ करवाए जाते थे, कपड़े धुलवाये जाते थे और किचन के दूसरे काम करवाए जाते थे.


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समिति ने जांच के दौरान पाया कि शेल्टर होम में 22 लड़कियों के लिए केवल एक ही रसोइया था और बच्चियों ने बताया कि उनको दिए जाने वाला खाना भी अच्छा नहीं होता है. समिति यह देख कर चकित रह गयी कि घर में रहने वाली छोटी छोटी बच्चियों को बहुत कड़ी सजा दी जाती थी. बड़ी लड़कियों ने बताया कि कोई बात न मानने पर छोटी बच्चियों को बहुत गंभीर और कड़ी सजा दी जाती थी जिससे सब लड़कियां डर कर रहती थीं.


लड़कियों ने बताया कि उनको अनुशासन में रखने के नाम पर शेल्टर होम वाले उनको जबर्दस्ती मिर्च खिलाते थे. यह बात बहुत ही डरावनी थी कि शेल्टर होम की महिला स्टाफ सजा के नाम पर बच्चियों के गुप्तांगों में मिर्ची डाल देती थीं. कमरे साफ न करने, स्टाफ की बात न मानने पर बच्चियों को और भी दूसरी सजाएं दी जाती थी.


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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल को इस बात की जानकारी दी है. जानकारी मिलते ही मालिवाल तुरंत रात 8 बजे शेल्टर होम पहुंच गई. उन्होंने तुरंत द्वारका के पुलिस उपायुक्त से बात की.


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