नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में 62 सीटों पर शानदार जीत हासिल की है. विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण की कई बातें की. बिजली, पानी से लेकर महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा करने की वजह से कहीं ना कहीं महिला मतदाता का आम आदमी पार्टी को समर्थन बड़ी संख्या में  मिला. यहां तक कि मतदान से पहले हुए एक सर्वे के मुताबिक शाम 4 बजे तक 60% महिलाओं का रुझान आम आदमी पार्टी की ओर था और जीत की एक बड़ी वजह महिलाएं रहीं.


दिल्ली में रविवार को केजरीवाल ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान भी महिलाओं का काफ़ी समर्थन केजरीवाल को रामलीला मैदान में मिला. केजरीवाल सरकार में इस बार कैबिनेट को दोहराया है यानि कि जो पहले मंत्रिमंडल में लोग थे वही इस बार फिर शामिल हुए हैं.


दिल्ली के इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की महिला प्रत्याशियों ने भी काफ़ी दमदार लड़ाई लड़ी. इस साल आम आदमी पार्टी में महिला विधायकों की संख्या 2015 से ज़्यादा है. साल 2015 के चुनाव में कुल 67 विधायकों में से छह विधायक महिलाएं थीं. जबकि 2020 के चुनाव में 62 विधायकों में से 8 विधायक महिलाएं हैं.


अब सवाल ये हैं कि इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल ने एक भी महिला को अपने मंत्रिमंडल में जगह क्यों नहीं दी. इस पर उनके मंत्री मंडल में शामिल पहले समाजिक कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि ये फैसला अरविंद केजरीवाल ने कुछ सोच कर ही लिया होगा. आम आदमी पार्टी हमेशा महिला सशक्तिकरण के लिए खड़ी नज़र आयी है. मंत्रिमंडल में अगर किसी महिला को शामिल नहीं किया गया तो दूसरी कोई बड़ी ज़िम्मेदारी मजरूर दी जाएगी.


जब दिल्ली कि महिलाओं से इस मुद्दे पर बात कि गई तो उन्होंने कहा के हम केजरीवाल के समर्थक हैं और केजरीवाल ने महिलाओं के लिए बस में फ्री सेवा के साथ मेट्रो भी फ्री करने का वादा किया है, लेकिन अगर मंत्रिमंडल में कोई महिला चेहरा नहीं है तो ये पार्टी महिलाओं के लिए काम करने का दावा कैसे कर सकती है. अगर पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करती तो किसी महिला को मंत्री के रूप में शामिल किया जाता. एक महिला मंत्री अच्छे से महिलाओं के मुद्दे पर काम करती. जब पार्टी में ही महिलाओं को जगह नहीं दी जाएगी तो मुफ्त बस देना तो मात्र एक दिखावा जैसा हो जाता है. हम यही चाहते हैं के महिलाओं को आगे रखा जाए.


कयास लगाए जा रहे थे के इस बार आम आदमी पार्टी कि बड़ी नेता आतिशी को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ जो अपने चौकाने वाला था. आम आदमी पार्टी और केजरीवाल महिलाओं कि सुविधा के लिए फ्री बस सेवा तो ले कर आ गए लेकिन महिला मंत्री पर चुप्पी साध ली. दिल्ली के चुनाव में जहां एक तरफ महिला सम्मान की बात कही, इसे चुनावी मुद्दा तक बनाया गया लेकिन जीत के बाद अब केजरीवाल सरकार का महिला मंत्री से इंकार कई सवाल खड़े करता है.


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