I Love Yamuna Campaign: दिल्ली सरकार के वन विभाग एवं पर्यावरण विभाग के इको क्लब ने बुधवार (17 मई) को छठ घाट, आईटीओ से "आई लव यमुना कैंपेन” की शुरुआत की गई. दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. "आई लव यमुना कैंपेन" कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के इको क्लब से करीबन 1500 बच्चों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया.
यमुना नदी का महत्व और दिल्ली की प्रदूषण की समस्या के बारे में बच्चों को जानकारी देने के लिए इस कैंपेन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मौजूद सभी बच्चों ने यमुना नदी की सफाई से सम्बंधित स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और नदी की सफाई को लेकर महत्वपूर्ण शपथ भी ग्रहण की. इसके साथ ही विभाग ने "आई लव यमुना कैंपेन" कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को फ्री औषधीय पौधे भी बांटे गए.
यमुना दिल्ली के लिए एक नदी ही नहीं बल्कि...
दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने "आई लव यमुना कैंपेन" कार्यक्रम के दौरान पौधरोपण करने के बाद, यमुना घाट पर जाकर सफाई अभियान का निरीक्षण किया. उसके बाद उपस्थित बच्चों और अध्यापकों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि यमुना दिल्ली के लिए एक नदी ही नहीं है, बल्कि यह दिल्ली के एक बहुत बड़े इकोसिस्टम को सपोर्ट करती है.
दिल्ली अपनी अधिकतर पानी से संबंधित जरूरतों के लिए यमुना नदी पर निर्भर है. यमुना नदी इस क्षेत्र और उसके लोगों की आर्थिक और पारिस्थितिकी आवश्यकताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि, वर्षों से रसायनों, प्लास्टिक और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल प्रदूषकों की विशाल मात्रा ने नदी के पारिस्थितिकी संतुलन के साथ छेड़छाड़ की है.
यमुना नदी के लिए 7 सूत्री योजना तैयार
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में सरकार के समर एक्शन प्लान लॉन्च किया गया था. इसका एक महत्वपूर्ण भाग जन जागरूकता अभियान को बढ़ावा देना है. उसी अभियान के चलते आज पर्यावरण एवं वन विभाग की संयुक्त पहल से इस कैंपेन को लांच किया जा रहा है. गोपाल राय ने कहा कि आज "आई लव यमुना कैंपेन" के लांच के जरिये सरकार दिल्लीवासियों की वृक्षारोपण अभियान और यमुना नदी सफाई को लेकर लोगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहती है.
उन्होंने आगे बताया कि सरकार समझती है कि यमुना की सफाई और रेस्टोरेशन का काम अलग-अलग प्रयासों से हासिल नहीं किया जा सकता है. इसके लिए जरूरत है की सभी स्टेकहोल्डर्स, लोकल समुदायों और शैक्षिक संस्थान एक साथ मिलकर सरकार का सहयोग करें.सरकार ने अपने स्तर पर यमुना नदी के कायाकल्प के लिए इस वर्ष के बजट में 7 सूत्री कार्य योजना तैयार की है.
नदी की सुंदर बनाने की भी है कवायद
इसमें यमुना नदी के कायाकल्प के अंतर्गत मौजूदा 18 एसटीपी को अपग्रेड, 3 नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण (एसटीपी), 3 मौजूदा एसटीपी का रिहैबिलिटेशन और 40 नए डी -सेंट्रलाइज्ड एसटीपी का निर्माण करना है. जिससे यमुना में गिरने वाले 3 अनटेप्प्ड मेजर और 76 सब नालों को रोकने का कार्य, 1799 अनधिकृत कॉलोनियों और 639 जेजे क्लस्टर में सीवरेज नेटवर्क के विस्तार का काम.
सीईटीपी द्वारा मानकों के अनुसार सभी औद्योगिक सीईटीपी के ट्रीटमेंट का कार्य ,सेप्टेज प्रबंधन का कार्य, यमुना बाढ़ क्षेत्र का प्रबंधन, ट्रीटेड वेस्ट वॉटर जल का पूर्ण पुन: उपयोग करना शामिल है. साथ ही आगामी दिनों में वृक्षारोपण अभियान के जरिए यमुना नदी के किनारे हरित क्षेत्र बढ़ाने का कार्य भी किया जाएगा. यह न केवल यमुना के इकोलॉजिकल बैलेंस के लिए जरूरी है, बल्कि यह नदी की प्राकृतिक सुंदरता बढ़ाने का कार्य भी करेगा.
स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में बच्चों ने लिया भाग
पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि यमुना नदी के प्रति सरकार की कोशिश केवल अल्पकालिक लक्ष्य तक सिमित नहीं है बल्कि इसमें यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता की निरंतर निगरानी करना, इनोवेटिव समाधानों को लागू करना और आने वाली चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए अनुसंधान और विकास कार्य को बढ़ावा देना भी शामिल है.
पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न ईको क्लब से आए छात्रों ने वन विभाग द्वारा आयोजित स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया. जिसमे सभी छात्रों को यमुना की सफाई से सम्बंधित स्लोगन लिखने का कार्य दिया गया था. इस प्रतियोगिता में सबसे अच्छे स्लोगन लिखने वाले छात्रों को अगले महीने 5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर पुरस्कृत किया जाएगा.
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