Delhi Yamuna Pollution: अब पुजारी सिखाएंगे कैसे यमुना को रखें साफ, एलजी विनय सक्सेना ने लोगों से भी की ये अपील
Delhi Yamuna Pollution: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि कैसे हम यमुना में प्रदूषण रोक सकते है. धार्मिक आयोजनों में जो कचरा होता है उसे यमुना में फेंक दिया जाता है.
Delhi Yamuna Pollution: दिल्ली यमुना में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए यमुना के कन्वेंशन सेंटर में पुजारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. सक्सेना ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए लोगों को जागरूक करने और बदलाव लाने वालों की भूमिका निभाने के लिए कहा. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रामनवमी उत्सव पर उपराज्यपाल से धार्मिक कचरे को यमुना में न बहाये जाने के बात को ध्यान रखते हुए आयोजित किया गया.
LG ने कहा, पुजारी और पुरोहित विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं के संरक्षक और मार्गदर्शक के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन धार्मिक आयोजनों में जो कचरा होता है उसे यमुना में फेंक दिया जाता है. जिसकी वजह से यमुना में प्रदूषण होता है. ऐसे में यमुना प्रदूषण को रोकने और नदी की पवित्रता की रक्षा करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शहर भर के पुजारियों को आमंत्रित किया गया. एलजी ने जोर देकर कहा कि यमुना नदी के कायाकल्प के किसी भी प्रयास में अनिवार्य रूप से दिल्ली के लोगों को शामिल करना होगा, जो इस कार्य में सबसे बड़े हितधारक हैं
सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर करें काम
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुजारियों को सबसे उत्तम तरीके से बताया गया कि कैसे हम यमुना में प्रदूषण रोक सकते है. इनमें धार्मिक प्रसाद में पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देना, नदी में कचरे या प्लास्टिक के डंपिंग को बढ़ावा न देना और लोगों को नदी के किनारे स्थित मंदिरों और आश्रमों में वेस्ट मैनेजमेंट प्रैक्टिस के बारे में शिक्षित करना शामिल है. इसके अलावा पुजारियों से जागरूकता बढ़ाने, स्थानीय समुदायों और अन्य हितधारकों के साथ पर्यावरण के अनुकूल स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध किया गया और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया.
विनय कुमार सक्सेना ने लोगों से कहा, धार्मिक संस्थानों में फूल, खाने पीने का समान, प्लास्टिक या नॉन बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं सहित किसी भी तरह के कचरे को नदी में फेंकने पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए. इसके अलावा पुजारियों से कहा कि वह लोगों को प्रबंधन के बारे में सूचित करें कि कचरे को ठीक से एकत्र किया जाना चाहिए और निर्धारित कूड़ेदानों में डालना चाहिए. इसके अलावा पुजारी यह सुनिश्चित करें कि नदी के किनारे पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान उपलब्ध हों और इन्हें नियमित रूप से खाली किया जाए.
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