Delhi Yamuna Flood: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मानसूनी बारिश के दौरान यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. 45 साल बाद यहां नदी के जलस्तर ने 208 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार अलर्ट है. 


केंद्रीय जल आयोग (CWC) के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बुधवार (12 जुलाई) सुबह चार बजे 2013 के बाद पहली बार 207 मीटर के निशान को पार कर गया. यह शाम चार बजे तक बढ़कर रिकार्ड 207.71 मीटर के निशान तक पहुंच गया. रात 11 बजे यह बढ़कर 208.08 मीटर हो गया और गुरुवार (13 जुलाई) सुबह आठ बजे तक इसके 208.30 मीटर तक पहुंचने की आशंका है.


दिल्ली सरकार के मुताबिक, रात 11 बजे के आसपास का यमुना का जलस्तर केंद्रीय जल आयोग की ओर से 13 जुलाई को सुबह 4 से 6 बजे तक की अवधि के लिए लगाए गए 207.99 मीटर के अनुमान से ज्यादा है.


पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर में इजाफा


सरकार ने बताया कि पुराने रेलवे पुल पर रात 10 बजे बढ़ोतरी दर्ज की गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इससे पहले 1978 में दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर पहुंचने का रिकॉर्ड था. बुधवार रात 9 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 207.95 मीटर दर्ज किया गया. इससे पहले रात 8 बजे हथिनीकुंड बैराज से 1,47,857 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.



यमुना के जलस्तर में लगातार इजाफे के चलते नदी के किनारे वाले कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आपात बैठक बुलानी पड़ी.



राहत-बचाव के काम में लगाई गईं 45 नावें


दिल्ली सरकार ने बताया कि बोट क्लब से संबंधित 17 नावें और सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग से संबंधित 28 नौकाएं जागरूकता, निकासी और बचाव के काम के लिए ड्यूटी पर लगाई गई हैं. कुल 45 नावों को उतारा गया है. वहीं, सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की गई हैं.


 


निचले इलाकों में एमसीडी ने की इतने स्कूलों की छुट्टी


दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग ने गुरुवार (13 जुलाई) को निचले इलाकों के कुछ स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है, जिनकी कक्षाएं छात्रों के लिए ऑनलाइन तरीके से चलाई जाएंगी. 


एमसीडी की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ''दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए एमसीडी के शिक्षा विभाग ने सिविल लाइंस जोन के निचले इलाकों में 10 स्कूलों, शाहदरा दक्षिण जोन के 6 स्कूलों और शहादरा उत्तर जोन के एक स्कूल को 13 जुलाई को बंद रखने का फैसला किया है. इन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जाएंगी.''


संवेदनशील इलाकों में लगाई गई धारा 144


दिल्ली में यमुना नदी के आसपास के इलाकों में बने मकान और बाजारों में पानी घुसने के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है. बाढ़ जैसे हालात के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी. इस धारा के तहत चार से ज्यादा लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है.


सीएम केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र


दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदी का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है. जल स्तर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुचने के बाद, केजरीवाल ने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया कि यमुना का जलस्तर और न बढ़े.


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में, केजरीवाल ने अनुरोध किया, ‘‘यदि संभव हो तो हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी सीमित गति में छोड़ा जाए.’’ केजरीवाल ने गृह मंत्री शाह का ध्यान आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की ओर आर्कषित करते हुए लिखा कि दिल्ली कुछ हफ्तों में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है. उन्होंने कहा, ‘‘देश की राजधानी में बाढ़ की खबर से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा. हम सबको मिलकर दिल्ली के लोगों को इस स्थिति से बचाना होगा.’’


सीएम केजरीवाल की लोगों से अपील


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में बढ़ते हुए जलस्तर के मद्देनजर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से तुरंत जगह खाली करने की अपील की है. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं निचले इलाकों में रहने वाले सभी लोगों से वहां से हटने का आग्रह करता हूं क्योंकि पानी का स्तर अचानक बढ़ जाएगा और आपका जीवन खतरे में पड़ सकता है.’’



दिल्ली परिवहन निगम मुख्यालय में जलजमाव


यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से आईटीओ के पास स्थित दिल्ली परिवहन निगम मुख्यालय में जलजमाव हो गया. वहीं इसके कर्मचारियों को कार्यालय आने के लिए पानी से होकर आना पड़ा. स्थानीय विधायक अजय महावर ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली के गांधी मेंडू और उस्मानपुर गांवों में बाढ़ का पानी चार फुट से ऊपर हो गया है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.


राजस्व मंत्री आतिशी ये बोलीं


राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार नदी के तटबंधों को मजबूत कर रही है और लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकाल रही है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक सलाह जारी करके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा और निचले इलाकों में जाने को लेकर आगाह किया.


दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर


प्राधिकरण की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि यमुना नदी में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, इसलिए लोगों को बिजली के तारों से दूर रहना चाहिए और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करना चाहिए. 


पुराने रेलवे पुल को किया गया बंद


यमुना का जलस्तर सोमवार रात 206 मीटर के निशान को पार कर गया था, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा और सड़क और रेल यातायात के लिए पुराने रेलवे पुल को बंद कर दिया गया. दिल्ली के जलमंत्री सौरभ भारद्धाज ने मीडिया को बताया कि दिल्ली सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हालात पर नजर रख रहे हैं और सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं.’’



उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुलाई बैठक


अधिकारियों ने कहा कि मजनू का टीला और वजीराबाद के बीच के हिस्से सहित व्यस्त रिंग रोड के कुछ हिस्सों में जलभराव के कारण यातायात बाधित हो गया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर गुरुवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक बुलाई है. 


क्यों बढ़ रहा यमुना का जलस्तर?


‘साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स, पीपुल’ (एसएएनडीआरपी) के सहायक समन्वयक भीम सिंह रावत ने दिल्ली में यमुना के जलस्तर में अभूतपूर्व वृद्धि के लिए गाद जमने के कारण नदी तल के ऊंचा होने को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘‘गाद की सफाई नहीं होना, वजीराबाद से ओखला तक के 22 किलोमीटर के हिस्से में 20 से अधिक पुल और तीन बैराज पानी के बहाव को बाधित करते हैं...’’


एक अधिकारी ने कहा कि ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण नदी में जलस्तर बढ़ा है. उत्तर-पश्चिम भारत में सप्ताहांत में लगातार बारिश हुई. जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘भारी से अत्यधिक भारी’ वर्षा दर्ज की गई है.


लोगों ने एबीपी न्यूज को बताई समस्या


निचले इलाकों से परिवार समेत किसी तरह फुटपाथ पर आकर शरण लिए लोगों ने एबीपी न्यूज को बताया कि उन्हें खाना बनाने में समस्या आ रही है. एक महिला ने कहा कि वह चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों को पहले गरम कर रही हैं, फिर खाना बना पाएंगी. वहीं एक महिला ने बताया कि उसके गैस चूल्हे में पानी भर गया है. 






गीता कालोनी के पुल पर एक शख्स ने बताया कि पीने का पानी नहीं है, टेंट के लिए मदद मांगी लेकिन नहीं मिली. उसने कहा कि उससे वहां से जाने के लिए बोला गया. शख्स ने बताया कि एक पुलिसवाले ने आकर सर्विस रोड से हटने के लिए कहा है. शख्स ने कहा, ''बरसात आ जाएगी तो कहां जाएंगे?'' उसने कहा, ''दरियागंज से एक-एक बाल्टी पानी लेकर आए तब खाना बना है... हम तो रह लेंगे भूखे लेकिन बच्चे कहां जाएंगे.''


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