नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी इस वक्त उफान पर है. वजह है दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश. बीते बुधवार को हरियाणा के यमुनानगर मे हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की तरफ तकरीबन 1 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिस वजह से यमुना के पानी का बहाव तेज होता गया और राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे के निशान को पार कर गया.
दिल्ली में यमुना का जलस्तर अगले कुछ घंटों में और बढ़ेगा, जिसके चलते यमुना के आसपास के निचले इलाके के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. यमुना नदी के खतरे के निशान से ऊपर जाते ही सभी बचाव कार्य के लिए जुटी टीमें और अलर्ट हो गई. साथ ही ईस्ट दिल्ली एसडीएम राजेंद्र कुमार ने बोट पर बैठकर यमुना नदी में पानी के बढ़ते बहाव और निचले हिस्सो में बचाव को लेकर तैयारियों का जायजा लिया.
अलर्ट पर टीमें
राजेंद्र कुमार ने बताया कि आज सुबह यमुना खतरे के निशान को पार कर चुकी है. जब से हथिनीकुंड से पानी छोड़ा गया है तब से हमने जितने लोवर एरिया है, सबको हाई-अलर्ट कर दिया है. डीएम ईस्ट दिल्ली सोनिका वर्मा इस पर नजर बनाए हुए है. डीडीएमए, बोट क्लब, एनडीआरएफ सभी टीम अलर्ट पर हैं. सबको हाईलाइट कर दिया है. यमुना किनारे बसे लोगों को अलर्ट किया गया है कि अपने मवेशियों को, बच्चो को पानी से दूर रखें. साथ ही लोगों से अपील भी की जा रही है कि पानी से दूर रहे और अगर यमुना का पानी और बढ़ता है तो निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा, जिसके चलते सभी कंसर्न एजेंसी को अलर्ट किया गया है.
बुधवार को जबसे हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की तरफ पानी छोड़ा गया तभी से दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी क्योंकि जितना पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया, उससे यमुना नदी का जलस्तर बढ़ना तो लाजमी ही था. साथ ही लगातार हो रही बारिश से और बढ़ते जलस्तर से दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. शुक्रवार सुबह करीब 9:00 बजे यमुना का जलस्तर 205.10 मीटर था जो कि खतरे के निशान के करीब था.
वार्निंग लेवल से ऊपर पानी
बता दें कि यमुना नदी में 204.50 मीटर वार्निंग लेवल होता है और शुक्रवार सुबह यमुना वार्निंग लेवल से ऊपर और डेंजर लेवल के करीब तेज बहाव से बह रही थी. यमुना का डेंजर लेवल 205.33 मीटर होता है. कुछ ही घंटों बाद सुबह 11 बजे यमुना नदी का जलस्तर डेंजर लेवल यानी खतरे के निशान को पार कर गया और यमुना का जलस्तर 205.34 मीटर पर पुहंच गया और घंटे दर घंटे यमुना का जलस्तर बढ़ता ही चला गया. करीब 1 बजे यमुना का जलस्तर 205.37 मीटर पुहंच गया. सभी टीमें अलर्ट मोड पर है क्योंकि इस वक्त दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
दिल्ली में अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है और निचले इलाके पानी में डूब जाते हैं तो दिल्ली से सटे कई निचले इलाकों में रहने वाले तकरीबन 10 हजार से ज्यादा लोग इस बाढ़ से प्रभावित होंगे. बदरपुर से लेकर जैतपुर तक बाढ़ के प्रभाव का खतरे लोगों के ऊपर मंडरा रहा है. जो इलाके इस से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते है उसमें बुराड़ी, जैतपुर, बदरपुर, यमुना खादर, उस्मानपुर, मजनू का टीला इलाके से सटी बस्तियां, चिल्ला, ओखला में बसी झुग्गियों जैसे इलाके हैं. अगर पानी इन इलाकों तक पहुंचता है तो यहां रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का इंतजाम भी प्रशासन ने कर रखा है.
पहले भी बन चुका है बाढ़ का खतरा
दिल्ली में बाढ़ का खतरा कोई पहली बार नहीं बना है. इससे पहले भी कई बार यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड तोड़ चुका है और दिल्ली बाढ़ से प्रभावित हो चुकी है. पिछला आंकड़ा देखा जाए तो साल 2019 में 8.28 लाख क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया था. जिसके चलते यमुना का जलस्तर साल 2019 में 206.60 मीटर चला गया था. उससे पहले साल 2013 में 8.06 लाख क्यूसेक पानी हथिनीकुंड से दिल्ली की तरफ छोड़ा गया था. जिससे यमुना का जलस्तर 207.32 पुहंच गया था.
इससे पहले साल 2010 में 7.44 लाख क्यूसेक पानी यमुना में दिल्ली की तरफ छोड़ा गया था. जिससे 207.11 मीटर तक यमुना का जलस्तर पुहंचा था. वहीं 1988 में 5.77 लाख क्यूसेक पानी में 206.92 मीटर के निशान तक यमुना ने उफान भरा था. वहीं 1978 में 7 लाख क्यूसेक पानी दिल्ली की तरफ छोड़े जाने से यमुना ने अब तक सबसे ज्यादा उफान भरा है और 207.49 मीटर के निशान पर यमुना का जलस्तर रहा है. जो बीते कई सालों के रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा है.
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