नई दिल्ली: शहर में बारिश के बाद प्रदूषण से मिली कुछ राहत के बाद दिल्ली की एयर क्वालिटी शुक्रवार को फिर से बिगड़कर ‘अत्यंत खराब’ की श्रेणी में पहुंच गई. अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषक तत्वों का बिखराव धीमा होने के कारण एयर क्वालिटी बिगड़ी है. केंद्र संचालित एयर क्वालिटी और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) के मुताबिक एयर क्वालिटी सूचकांक 315 दर्ज किया गया जो ‘अत्यंत खराब’ की श्रेणी में आता है.


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक दिल्ली के 16 इलाकों में एयर क्वालिटी ‘अत्यंत खराब’ दर्ज की गई और 22 इलाकों में यह ‘खराब’ की श्रेणी में रही. शुक्रवार को शहर में हवा में अति सूक्ष्म कणों -पीएम 2.5 का स्तर 139 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 210 रहा. एयर क्वालिटी सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘सामान्य’, 201 से 300 के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 के स्तर को ‘अत्यंत खराब’ और 401 से 500 के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है.





अधिकारियों ने बताया कि बारिश में प्रदूषक तत्वों के बह जाने से पिछले दो दिनों में दिल्ली की एयर क्वालिटी में सुधार देखा गया. लेकिन बारिश खत्म होते ही शुक्रवार को प्रदूषण स्तर फिर से बढ़ गया. भारतीय उष्णकटिबंधी मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक पिछले 24 घंटों में भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में पराली जलाए जाने की घटनाएं बहुत कम देखी गईं.


संस्थान ने कहा, “पश्चिमोत्तर भारत में पराली जलाए जाने का दिल्ली पर कोई खास प्रभाव नहीं है.” आईआईटीएम ने कहा,‘‘ दिल्ली-एनसीआर में अगले दो दिन में वायु की गुणवत्ता सुधरने की संभावना है लेकिन यह ‘खराब’ और ‘अत्यंत खराब’ के बीच रहेगी। उत्तर पश्चिमी भारत में पराली जलाने का प्रभाव दिल्ली में आंशिक है. ’’