नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने आज फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (Forensic Science Laboratory -FSL) के कार्यों और उनकी प्रगति की समीक्षा की. 20,000 से अधिक मामलों की रिपोर्ट अब तक लंबित होने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह इस समस्या को हल करने के लिए हर प्रकार की तकनीकी और मानविक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं ताकि लंबित पड़े मामलों का निपटान जल्द से जल्द किया जा सके.


उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने रिक्त पड़े विभिन्न तकनीकी पदों का संज्ञान लेते हुए उन्हे जल्द से जल्द भरने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश दिए कि FSL के जैसी अन्य एजेंसियों/सगठनों से सेवानिवृत्त तकनीकी कर्मियों, को एक अंतरिम और अस्थाई रूप से तत्काल बहाल किया जाए ताकि लंबित मामलों का निपटान हो और उनकी रिपोर्ट सौंपी जा सके. उन्होंने कहा कि FSL को केवल एक सरकारी विभाग के रूप में न देखते हुए एक अलग नज़रिए से देखे, क्योंकि उस पर न केवल न्याय दिलाने बल्कि हजारों अन्य लोगों की जिंदगी एवं उम्मीदें निर्भर करती हैं.

अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएं
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी निभाएं ताकि जिन लोगों का भविष्य उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों पर निर्भर करता है, उनको समय रहते न्याय मिल सके. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी SOPऔर प्रक्रियाओं का सावधानीपूर्वक पालन किया जाए और प्रौद्योगिकी क्षमता वाली स्वचालित प्रणालियों का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए ताकि मानविक हस्तक्षेप जो कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, कम से कम हो.

प्रगति की निगरानी करेंगे एलजी
उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वह सभी लंबित मामलों के निपटान और प्रगति की निगरानी खुद करेंगे. उपराज्यपाल ने ऐसे सभी मामलों की एक सूची मांगी, जिसमें लंबित मामले पहली बार FSL के पास कब आए और अब उनका निपटान कब तक किया जाएगा, इसका विस्तृत ब्यौरा हो. यह सूचित किए जाने पर कि कई मामलों  में पुलिस द्वारा अंतिम रिपोर्ट नहीं लिए जाने के कारण भी देर होती है. उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वह इस मसले का हल मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त के साथ बैठक कर जल्द से जल्द निकालेंगे.

उपराज्यपाल ने FSL को फॉरेंसिक साइंसेज के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट और प्रतिष्ठित संसाधन केन्द्र के रूप में स्थापित करने का आवाह्न किया, जहां विभिन्न स्तरों के पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित करने के साथ-साथ देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों/संस्थानों के फॉरेंसिक साइंस के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण इंटर्नशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.  संस्थान को और मजबूत करने के लिए उपराज्यपाल ने अधिकारियों को आईआईटी-दिल्ली और राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय, अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ गठजोड़ करने की सलाह दी.


एलजी ने कहा कि इससे न केवल FSL दिल्ली की गुणवत्ता (Quality) बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि साइबर फॉरेंसिक से जुड़े मामलों से निपटने में आवश्यक नवीनतम तकनीकी विशेषज्ञता (Technical Expertise) प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सार्क (SAARC) और आसियान (ASEAN) देशों में FSL जैसे संस्थानों के साथ सहयोग और गठजोड़ की संभावना का भी पता लगाया जाए.

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने FSL को आंतरिक संसाधन बढ़ाने एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए आम लोगों और उद्योगों को अपनी विशेषज्ञता उपलब्ध कराने का सुझाव दिया. बैठक में अन्य लोगों के अलावा मुख्य सचिव, गृह सचिव, दिल्ली और FSL के निदेशक भी शामिल थे.


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