नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. स्पेशल सेल की सीआई (काउंटर इंटेलिजेंस) यूनिट ने पांच राज्यों के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने काला जठेड़ी पर मकोका लगाया हुआ है. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें.
जठेड़ी पर 7 लाख का इनाम
गैंगस्टर काला जठेड़ी पर 7 लाख का इनाम है और इसके खिलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में कई मामले दर्ज हैं. जठेड़ी से पहले उसके साथी लॉरेंस बिश्नोई को भी स्पेशल सेल मकोका में गिरफ्तार कर चुकी है. लॉरेंस अभी तिहाड़ जेल में है.
गैंग में 200 से ज्यादा शूटर शामिल
बताया जाता है कि जठेड़ी के गैंग में 200 से ज्यादा शूटर शामिल हैं. इस गिरोह के कुछ बदमाश विदेश में बैठकर इस गिरोह को चला रहे हैं. फरवरी 2020 में काला जठेड़ी फरीदाबाद से पुलिस हिरासत से भाग निकलने में सफल हुआ था. उसके साथियों ने वैन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर उसे फरार करवा लिया था.
लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिल कर अपना गैंग चला रहा था जठेड़ी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जठेड़ी नेपाल के रास्ते थाईलैंड चला गया था. वहां रहते हुए वह लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिल कर अपना गैंग चला रहा था. काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई ने अपराध की दुनिया मे एक नया रिवाज चालू करते हुए अलग अलग राज्यों के अलग लग गिरोह के साथ गठजोड़ करना शुरू कर दिया. यही वजह है कि आज की तारीख में ये गैंग दिल्ली-हरियाणा-पंजाब-चंडीगढ़-राजस्थान का सबसे बड़ा गैंग बताया जाता है.
पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में भी जठेड़ी का नाम सुर्खियों में रहा
पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में भी काला जठेड़ी का नाम सुर्खियों में आया था. वजह थी सागर के दोस्त सोनू महाल. सोनू काला जठेड़ी का भांजा है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि सोनू के घायल होने पर काला जठेड़ी काफी गुस्सा था और सुशील पहलवान ने जब उसे फोन करके माफी मांगी थी तो काला जठेड़ी ने कहा था कि ये अच्छा नहीं हुआ.
सोनीपत के जठेड़ी गांव का रहने वाला है
लगभग 1 महीने पहले दिल्ली पुलिस सूत्रों ने ये दावा किया था कि काला जठेड़ी हरियाणा में ही कहीं छुपा है, विदेश में नहीं है. काला जठेड़ी सोनीपत के जठेड़ी गांव का रहने वाला है. वह 12वीं पास है. पहले केबल ऑपरेटर था, लेकिन फिर अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसने वापस मुड़ कर नहीं देखा.