CBI विवाद: रिश्वतखोरी केस में डीएसपी देवेंद्र कुमार, बिचौलिया मनोज को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
सीबीआई विवाद में आज डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिये मनोज प्रसाद की दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट ने देवेंद्र कुमार और मनोज प्रसाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
नई दिल्ली: सीबीआई विवाद में आज डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिये मनोज प्रसाद की दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट में पेशी हुई. कोर्ट ने देवेंद्र कुमार और मनोज प्रसाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. दोनों को सीबीआई ने रिश्वतखोरी के एक मामले में दोनों को गिरफ्तार किया है. रिश्वतखोरी के इसी मामले में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का भी नाम है.देवेंद्र ने सोमवार को एक स्थानीय अदालत में एक जमानत अर्जी दाखिल की थी.
Delhi's Patiala House Court sends CBI DSP Devender Kumar and Manoj Prasad to judicial custody for 14 days. Court to hear the bail application of CBI DSP Devender Kumar tomorrow. #CBI
— ANI (@ANI) October 30, 2018
वकील राहुल त्यागी के जरिए दायर की गई जमानत अर्जी में देवेंद्र ने अपनी हिरासत को ‘‘अवैध’’ करार दिया और रिहाई की गुहार लगाई. इस मामले में मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद नाम के दो कथित बिचौलियों को भी नामजद किया गया है. बीते 15 अक्टूबर को सतीश सना की लिखित शिकायत के आधार पर मौजूदा मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ एक केस में जांच अधिकारी होने के नाते डीएसपी देवेंद्र शिकायतकर्ता को बार-बार सीबीआई दफ्तर बुलाकर उसे परेशान कर रहा था. देवेंद्र पर यह आरोप भी है कि वह क्लीन चिट की एवज में उसे पांच करोड़ रुपए की रिश्वत देने के लिए बाध्य कर रहा था.
सीबीआई में क्या विवाद है सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए. डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है.
सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के विशेष निदेशक ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है क्योंकि वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक ने ली है.