नई दिल्ली: दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग विवाद के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करेंगे. ट्रांसफर और पोस्टिंग विवाद में सीएम केजरीवाल सरकार के आदेश को लेकर एक बार फिर आम आदमी पार्टी सरकार और नौकरशाहों के रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है. केजरीवाल ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने तबादले और तैनाती से जुड़े दिल्ली सरकार के आदेश नहीं माने तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम-एलजी के बीच पहली बैठक


एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार आदेश का पालन करने से इनकार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने सहित अन्य कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. सीएम केजरीवाल के अलावा उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आज एलजी बैजल से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम और एलजी के बीच यह पहली मुलाकात होगी.


गंभीर परिणाम भुगतेंगे अधिकारी- केजरीवाल


केजरीवाल ने आज ट्वीट किया, ‘‘सभी अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान और पालन करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खुले उल्लंघन से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. यह किसी के हित में नहीं होगा.’’





वहीं, सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘‘ सेवा विभाग के सचिव को एक बार फिर निर्देश दिया है कि कल के निर्देश के मुताबिक आदेश जारी करें. अधिकारी को सूचित किया कि आदेश नहीं मानने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हो सकती है और अधिकारी को अनुशासनिक कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है.’’


केजरीवाल ने पत्र में क्या लिखा है?


केजरीवाल ने पत्र में लिखा है, ‘‘ सेवा से जुड़ी कार्यकारी शक्तियां मंत्रिपरिषद के पास हैं. यह साफ है कि केंद्र सरकार-एलजी को केवल तीन विषयों पर कार्यकारी शक्तियां प्राप्त हैं. बाकी सभी विषयों पर कार्यकारी शक्तियां मंत्रिपरिषद के पास हैं. सुप्रीम कोर्ट के इतने स्पष्ट आदेश के बाद गृह मंत्रालय की अधिसूचना निष्प्रभावी  हो गई है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाए जाने के क्षण से ही प्रभावी हो गया है. दिल्ली के विकास के लिए , लोक कल्याणकारी योजनाएं लागू करने के लिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल के लिए हम आपका (एलजी का) समर्थन चाहते हैं. हम उक्त आधार पर दिल्ली सरकार के सभी पदाधिकारियों को कल आदेश जारी करने की योजना बना रहे हैं. यदि किसी उपरोक्त मुद्दे पर आपके विचार विपरीत हैं तो कृपया हमें बताएं. यदि आप चाहेंगे तो मैं खुद और मेरे कैबिनेट सहकर्मी चर्चा के लिए आपके पास आ सकते हैं.’’


क्या है मामला?


बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से ट्रांसफर का आदेश देने के बाद सर्विसेज विभाग ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 के उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया गया है, जिसमें ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल, मुख्य सचिव या सचिवों को दिया था.  सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफर अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की इजाजत से होंगे.

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