(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delta Plus Variant: एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा- कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता का विषय नहीं
नया डेल्टा प्लस वेरिएंट डेल्टा या बी.1.617.2 वेरिएंट में म्यूटेशन के कारण बना है. नए वेरिएंट के कारण बीमारी की गंभीरता का अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है.
नई दिल्ली: भारत में अब कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) के AY.1 या डेल्टा प्लस वेरिएंट में म्युटेंट होने की आशंका है. इस बीच एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बुधवार को कहा है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता का विषय नहीं है. ये वेरिएंट भारत में उपलब्ध वैक्सीन की प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है लेकिन यह अभी भी वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी होगा.
कोविशील्ड की दो डोज के बीच के अंतर को 4-6 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ता करने के सरकार के फैसले को लेकर गुलेरिया ने सही बताया. सीएनएन से उन्होंने कहा, टीकाकरण पर एनटीएजीआई द्वारा देखे गए मौजूदा आंकड़ों में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि देरी से टीका लगाए जाने पर कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. उन्होंने कहा, 'जब डेटा का मूल्यांकन किया गया था, तब अल्फा वेरिएंट प्रमुख था. अब यह बदल गया है. डेल्टा वेरिएंट अब अधिक प्रभावी है. दोनों वेरिएंट संक्रामक हैं, यहां तक कि अल्फा वेरिएंट भी पिछले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक पाया गया है.'
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर सरकार ने क्या कहा
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट अभी तक चिंताजनक नहीं है और देश में इसकी मौजूदगी का पता लगाना होगा और उस पर नजर रखनी होगी. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि डेल्टा प्लस नामक वायरस का नया स्वरूप सामने आया है और यह यूरोप में मार्च महीने से है. कुछ दिन पहले ही इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक हुई.
पॉल ने कहा, 'इसे अभी चिंताजनक प्रकार के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है. चिंता वाला स्वरूप वह होता है जिसमें हमें पता चले कि इसके प्रसार में बढ़ोतरी से मानवता के लिए प्रतिकूल प्रभाव होते हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में अब तक ऐसा कुछ ज्ञात नहीं है. लेकिन डेल्टा स्वरूप के प्रभाव और बदलाव के बारे में हमारे आईएनएसएसीओजी प्रणाली के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से नजर रखनी होगी. इसका पता लगाना होगा और देश में इसकी मौजूदगी देखनी होगी.'
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