भारत में कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर शांत हो भी नहीं पाई थी कि एक नए वेरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है. इस वेरिएंट का नाम डेल्टा प्लस है, जिसे लेकर कुछ विशेषज्ञों ने अपनी चिंता व्यक्त की है और बताया है कि ये वेरिएंट पहले से ज्यादा शक्तिशाली है जिसपर वैक्सीन का भी असर ना के बराबर होगा. डेल्टा ने भारत में दस्तक देते ही अपना विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है. 25 जून को महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से पहली मौत हुई है. वहीं डेल्टा वेरिएंट के आने के बाद कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि नए वेरिएंट ने दिल्ली और मध्य प्रदेश में तीसरी लहर की शुरुआत कर दी है.
दरअसल एक फेसबुक यूजर ने एक स्टेटस पोस्ट किया जिसमें लिखा था कि 'कोविड की तीसरी लहर दिल्ली और मध्य प्रदेश में तबाही मचाने लगी है, कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से चार मौतें हुई हैं, डेल्टा प्लस मामले महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए हैं'. जबकि एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक तीसरी लहर के शुरू होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. वहीं विशेषज्ञों का भी मानना है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुछ मामलों का मतलब ये नहीं है कि इसने महामारी की तीसरी लहर पैदा की है. विशेषज्ञों के मुताबिक खतरा वास्तविक है, लेकिन स्थिति अभी भी उभर रही है.
कब होती है नई लहर की शुरूआत?
नई लहर की शुरूआत तब होती है जब एक संक्रमित व्यक्ति एक से ज्यादा व्यक्तियों को संक्रमित करना शुरू कर देता है और स्थिति लगभग दो सप्ताह तक बनी रहती है, तो मामलों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ना शुरू हो सकती है और ये प्रक्रिया एक नई लहर के शुरू होने का प्रतीक मानी जाती है.
मध्य प्रदेश से 7 मामले हुए दर्ज
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश से अब तक डेल्टा प्लस के सात मामले सामने आए हैं जिनमें से दो मरीजों की मौत हो चुकी है. हालांकि मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी डॉ. पंकज शुक्ला ने कहा कि 'इनमें से अधिकांश मामले मई के महीने में सामने आए थे और इसे तीसरी लहर नहीं कहा जा सकता है'.