नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है. ये जानकारी INSACOG और  NCDC के अध्ययन में सामने आई है. ये अल्फा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक है. डेल्टा (बी.1.617.2) अल्फा (बी.1.1.7) वेरिएंट की तुलना में 50 फीसदी तेजी से फैलता है. भारत में कोरोना का डेल्टा सबसे प्रमुख वैरिएंट है.


एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले अब तक सामने आ चुके हैं. देश के लगभग सभी राज्यों में ये वेरिएंट देखा गया है. खास तौर से इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है.


WHO ने भारत में पाए गए वायरस के स्वरूपों को नाम दिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सबसे पहले भारत में पाए गए कोरोना वायरस के स्वरूपों बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को क्रमश: 'कप्पा' और 'डेल्टा' नाम दिया है. डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 तकनीकी मामलों की प्रमुख डॉ मारिया वान केरखोव ने कहा, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के स्वरूपों के आसानी से पहचाने जाने के लिए उनका नया नामकरण किया है. इनके वैज्ञानिक नामों में कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि, इसका उद्देश्य आम बहस के दौरान इनकी आसानी से पहचान करना है.'


संगठन ने एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित एक विशेषज्ञ समूह ने वायरस के स्वरूपों को सामान्य बातचीत के दौरान आसानी से समझने के लिए अल्फा, गामा, बीटा गामा जैसे यूनानी शब्दों का उपयोग करने की सिफारिश की. ताकि आम लोगों को भी इनके बारे में होने वाली चर्चा को समझने में दिक्कत न हो.


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