Demand for ABVP JNU: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पिछले दिनों आई लैंगिक उत्पीड़न की दो घटनाओं ने पूरे जेएनयू परिसर (JNU Campus) को झकझोर कर रख दिया है. कुछ दिनों पहले कैंपस के चंद्रभागा हॉस्टल की छत (Roof Of Chandrabhaga Hostle) पर वामपंथी संगठन AISA के एक कार्यकर्ता ने जेएनयू की ही एक छात्रा के साथ शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया. एक अन्य घटना में एनएसयूआई (NSUI) से संबद्ध और भाषा स्कूल के चीनी भाषा (Chinese Language) के छात्र छात्र पर पूर्वोत्तर भारत की एक छात्रा के साथ यौन उत्पीडन का आरोप लगाया गया है. 


एबीवीपी जेएनयू ने आगे बताया कि प्रमुख वामपंथी कार्यकर्ता पीड़िता को शिकायत दर्ज कराने से रोकने और बाद में उन्हें धमकाने में शामिल थे. डीएसएफ की स्वाति सिंह पर आरोपी का समर्थन करने एवं पीड़िता पर ही सवाल उठने का संगीन आरोप लगाया गया है. समस्त छात्र समुदाय में इस घटना को लेकर काफी रोष है. छात्रों ने आरोप लगाया है कि सभी वामपंथी संगठन और स्वयं JNUSU की अध्यक्षा रही आईसी घोष आरोपी को बचाने का भरसक प्रयास कर रहीं है.


सरकार वामपंथी संगठनों पर लगाए प्रतिबंध
एबीवीपी जेएनयू के इकाई अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा पुलिस प्रशासन को इस घटना पर तुरंत संज्ञान लेकर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए तथा जेएनयू प्रशासन को तुरंत आरोपी छात्र प्रसन्ना राज को जेएनयू से निलंबित करना चाहिए. साथ ही में जो वामपंथी पीड़िताओं को धमकाने एवं दोषियों को बचाने में शामिल हैं उन पर भी उचित कार्यवाई होनी चाहिए. रोहित ने कहा कि पिछले पिछले कुछ वर्षों में सभी वामपंथी संगठन खासकर AISA द्वारा बलात्कार और लैंगिक दुर्व्यवहार की घटनाओं को बार-बार दोहराया गया है. सरकार तथा जेएनयू कुलपति को तुरंत सभी वामपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए, क्योंकि इनके रहते जेएनयू में कोई भी लड़की सुरक्षित नहीं है.


मामले में तुरंत दर्ज हो एफआईआर
इकाई मंत्री उमेश उमेश चंद्र अजमीरा ने बताया कि इस मामले में तुरंत एक FIR दर्ज होना चाहिए. इससे पहले भी AISA के अकबर चौधरी, अनमोल रतन, अरशद आलम समेत कई बड़े छात्र नेताओं पर आरोप हैं और हमेशा इनके संगठनों ने इनको बचाने का प्रयास किया है. ICC को इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए तथा जेएनयू की छात्राओं को सुरक्षा प्रदान कर समस्त जगत में एक उदाहरण पेश करना चाहिए. एबीवीपी हर तरीके से और हर समय पीड़ित छात्रा के साथ खड़ा है तथा उनकी न्याय की लड़ाई के लिए हम सड़क से संसद तक प्रयास करेंगे.


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