नई दिल्ली: ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म पर निगरानी और नियंत्रण के लिए उचित व्यवस्था बनाए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि OTT प्लेटफॉर्म में लगातार ऐसे कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं जो सामाजिक और नैतिक मानदंडों के मुताबिक नहीं हैं. कुछ कार्यक्रमों में सैन्य बलों का भी गलत चित्रण किया गया है.


वकील शशांक शेखर झा की तरफ से दाखिल याचिका में बताया गया है कि केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने OTT प्लेटफार्म को उन बातों की एक सूची सौंपी थी, जिन्हें कार्यक्रमों में नहीं दिखाया जा सकता, लेकिन उसका पालन नहीं हो रहा है. सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स के ऊपर ही खुद को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सौंप दी.  उन्होंने आत्मनियंत्रण के नाम पर एक संस्था बनाई है. नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, हॉट स्टार, ऑल्ट बालाजी जैसे 15 बड़े प्लेटफॉर्म इसके सदस्य हैं. लेकिन संस्था का कामकाज संतोषजनक नहीं कहा जा सकता.


याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट सरकार को सेंट्रल बोर्ड फ़ॉर रेग्युलेशन एंड मॉनिटरिंग ऑफ ऑनलाइन वीडियो कंटेंट्स (CBRMOBC) नाम की एक स्वायत्त संस्था के गठन का आदेश दे. इसकी अध्यक्षता सचिव स्तर के वरिष्ठ IAS अधिकारी करें. बोर्ड में सिनेमा और वीडियो कार्यक्रम निर्माण से जुड़े लोगों, शिक्षाविद, कानूनविद और रक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों का भी उचित प्रतिनिधित्व रखा जाए.


आज यह मामला चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच के सामने लगा. CJI ने इस बात पर सवाल उठाया कि क्या कोर्ट इस मसले पर अपनी तरफ से आदेश दे सकता है. हालांकि, जजों में मसले को महत्वपूर्ण माना और सरकार को नोटिस जारी कर दिया. मामले में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को बजी नोटिस जारी किया गया है.


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