Supreme Court: नवजात को दूध पिलाने के लिए सार्वजनिक जगहों पर अलग से व्यवस्था बनाने की मांग, SC ने केंद्र को जारी किया नोटिस
Supreme Court News : नवजात बच्चे के लिए अपनी मां से दूध हासिल करना एक जरूरी अधिकार है. यह अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 यानी जीवन के मौलिक अधिकार से सीधे जुड़ा हुआ है.
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Supreme Court Issued Notice: नवजात बच्चों को स्तनपान कराने के लिए हर सार्वजनिक जगह में अलग से कमरा बनाए जाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह की सुविधा के अभाव में नवजात बच्चों और उनकी माताओं को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
'मातृ स्पर्श' नाम की संस्था की तरफ से दाखिल याचिका में बताया गया है कि कई जगह एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसी महत्वपूर्ण इमारतों में भी नवजात शिशु की देखभाल के लिए जरूरी कमरा उपलब्ध नहीं है. यह सुविधा इन इमारतों के अलावा सभी सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए. इससे शिशु आराम से मां का दूध पी सकेगा और उसकी माता को किसी भी असहज स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा.
कर्नाटक हाई कोर्ट भी दे चुका है फैसला
याचिका को सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जे के माहेश्वरी की बेंच में माना कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसके बाद कोर्ट ने मामले पर नोटिस जारी कर दिया है. इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट भी एक मामले में यह फैसला दे चुका है कि दुग्धपान कराना एक मां का अधिकार है.
किसने डाली थी याचिका
उसी तरह नवजात बच्चे के लिए भी अपनी मां से दूध हासिल करना एक जरूरी अधिकार है. यह दोनों अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 यानी जीवन के मौलिक अधिकार से सीधे जुड़े हुए हैं. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी एक मिलते-जुलते मामले में दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. यह याचिका 9 महीने की उम्र के शिशु अब अव्यान रस्तोगी की तरफ से उसकी मां वकील नेहा रस्तोगी ने दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका भी उन्हीं की तरफ से दाखिल की गई है.
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