नई दिल्ली: कांग्रेस में एक अंतराल के बाद राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठी है. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की. दूसरे नेताओं ने भी इसका समर्थन किया. बैठक में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन बुला कर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाना चाहिए.
हालांकि कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी के अंदर ऐसी किसी चर्चा से इंकार किया है. सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग से जुड़े सवाल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरेजवाला ने कहा, "यह सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा है. लेकिन आज की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई. सही समय पर राहुल जी इस पर निर्णय लेंगे."
कांग्रेस भले ही आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं कर रही हो, लेकिन बैठक में मौजूद कई सूत्रों ने इसकी पुष्टि की. हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि राहुल गांधी ने इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
आपको बता दें कि 2017 के आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष बने राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव में करारी हार के फौरन बाद पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. दो महीने तक उन्हें मनाने की कोशिश नाकाम रहने के बाद अगस्त में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया. हालांकि तब से लेकर कई बार पार्टी में राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठती रही है.
पार्टी अध्यक्ष के तौर पर वापसी को लेकर पिछले दिनों जब राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया था.
हाल में ही राहुल गांधी के 50वें जन्मदिन पर कांग्रेस के कई युवा नेताओं ने ट्विटर पर राहुल को जन्मदिन की बधाई देने के साथ ही उनसे दोबारा पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया. इन्हीं में से एक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि आज बीजेपी और आरएसएस से लड़ने का माद्दा भारत मे केवल एक ही नेता के पास है. उसका नाम राहुल गांधी है. 'आईडिया ऑफ इंडिया' और संविधान को बचाने के लिए देश राहुल गांधी की तरफ देख रहा है. हालांकि वशिष्ठ ने कहा कि मुझे सीडब्ल्यूसी की बैठक का नहीं पता लेकिन अगर ऐसा है तो मैं खुश हूं.
हालांकि यह सबको मालूम है कि अपनी दोबारा ताजपोशी का फैसला राहुल को खुद ही लेना है. दिलचस्पी यही है कि यह फैसला वो कब लेते हैं?
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