Priyanka As PM Candidate: कर्नाटक में अगले महीने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार का दौर तेज है, तो वहीं कांग्रेस में सीएम उम्मीदवार के लिए कई लोगों के नामों का जिक्र लगातार उठ रहा है. इस बीच कांग्रेस के पीएम चेहरे को लेकर लग रहे तमाम कयासों के बीच कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने प्रियंका गांधी को विपक्ष का पीएम उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर दी है.
कांग्रेस में काफी पहले से एक धड़ा चाहता रहा है कि राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान दे देनी चाहिए. प्रमोद कृष्णम ऐसे नेता हैं जो खुल कर प्रियंका गांधी की वकालत करते रहे हैं. प्रियंका पीएम उम्मीदवार बनें या ना बनें लेकिन क्या कांग्रेस में प्रियंका का दौर शुरू होने वाला है?
क्या प्रियंका गांधी मुख्य भूमिका में नजर आएंगी?
कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी संन्यास का संकेत दे चुकी हैं. मानहानि मामले में दो सालों की सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने और छह सालों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित हो चुके हैं. राहुल ने फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी है लेकिन यदि ऊपरी अदालतों से भी उन्हें राहत नहीं मिली तो क्या प्रियंका गांधी मुख्य भूमिका में नजर आएंगी?
प्रियंका गांधी के वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने को लेकर सोनिया गांधी की जगह रायबरेली से चुनाव के कयास लगाए जा रहे हैं. प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में 2019 में कांग्रेस महासचिव बन कर आईं लेकिन उसके काफी पहले से कांग्रेस के अहम फैसलों में उनकी भूमिका रही है.
बीते लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया और ऐसा लगा कि प्रियंका गांधी का वक्त आ गया है. लेकिन राहुल गांधी की जगह सोनिया गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया और सोनिया गांधी के बाद हुए संगठन चुनाव के जरिए मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष बन गए.
प्रियंका की भूमिका अहम लेकिन राहुल गांधी सर्वोच्च लीडर
प्रियंका पहले की तरह अभी भी पर्दे के पीछे से कांग्रेस की रणनीति बनाने और संगठन के विवादों को सुलझाने में सक्रिय रहती हैं. राहुल गांधी के मुसीबत में घिरने के बाद उनकी बड़ी भूमिका की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, कांग्रेस नेता उदित राज ने इससे जुड़े सवाल को गैर जरुरी मानते हुए कहा कि प्रियंका गांधी की अहम भूमिका है लेकिन राहुल गांधी सर्वोच्च लीडर हैं और मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष.
उदित राज की बातों में दम इसलिए है क्योंकि बीते दिनों राहुल गांधी की अयोग्यता के मुद्दे पर लगभग सभी विपक्षी दल साथ आए. विपक्षी एकजुटता की रणनीति में राहुल प्रमुख रूप से शमिल हैं साथ ही चुनावी राज्य कर्नाटक में कांग्रेस के लिए प्रचार भी कर रहे हैं.
प्रियंका भी इन दिनों कर्नाटक में पार्टी का प्रचार कर रही हैं. उन्होंने कुछ महीने पहले हिमाचल प्रदेश में अकेले ही प्रचार का मोर्चा संभाला था. स्टार प्रचारक से लेकर संकटमोचक की भूमिका बखूबी निभाने वाली प्रियंका गांधी के चेहरे का इस्तेमाल कांग्रेस कैसे करती है इसके लिए इंतजार करना होगा.
मौजूदा हालात में लगता यही है कि फिलहाल प्रियंका गांधी को भाई राहुल गांधी की छाया में ही चलना पड़ेगा. हालांकि अगर 2024 में भी यदि कांग्रेस वापसी करने में नाकाम रही तो फिर प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान मिलने की पूरी संभावना है.