नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. याचिका में परीक्षाओं को टालने की जगह सीधा रद्द करने की मांग की गई है. वहीं, आज परीक्षा टालने को लेकर कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेगा.


याचिका में क्या कहा गया है?


सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति परीक्षा के आयोजन के हिसाब से सही नहीं है, लेकिन अगर परीक्षा को टाला गया तो परिणाम देर से आएंगे. इसका असर छात्रों की आगे की पढ़ाई पर पड़ेगा. इसलिए परीक्षा रद्द कर देनी चाहिए. छात्रों को अंक देने का कोई तरीका निकालना चाहिए, जिससे जल्द से जल्द रिज़ल्ट घोषित हो सके.


300 छात्रों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लिखा पत्र


वहीं 300 से ज्यादा छात्रों ने भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना को परीक्षा के फिजिकल संचालन के प्रस्ताव को रद्द करने और पिछले साल की तरह एक वैकल्पिक मूल्यांकन योजना प्रदान करने के लिए एक पत्र लिखा है. हालांकि MoE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “अब तक मिले फीडबैक के आधार पर आम सहमति यह है कि परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए. जैसा कि शिक्षा मंत्री ने कहा है, एक जून तक 12वीं की परीक्षा को लेकर अंतिम फैसले की घोषणा की जाएगी.


शिक्षा मंत्रालय के बाहर NSUI का प्रदर्शन


दूसरी तरफ केंद्र सरकार से 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करेगा. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ी आशंका के कारण एनएसयूआई 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रही है.


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