Assam NRC Aadhar Card: असम एनआरसी में जोड़े गए लोगों के लिए आधार कार्ड जारी करने से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को गौर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. अगस्त 2019 में प्रकाशित असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स की पूरक सूची में जोड़े गए लगभग 27 लाख लोगों को आधार कार्ड जारी करने को लेकर एक याचिका डाली गई थी.
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में हुई थी. भारत के अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने मामले को देखने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा और कहा कि ये वैध दावों की तरह दिखते हैं. अंतरिम उपाय के रूप में अगर कुछ है, तो इस पर गौर किया जा सकता है. मैं दो सप्ताह में वापस आ सकता हूं. अटॉर्नी जनरल का ये अनुरोध सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
अगली सुनवाई 9 नवंबर को
पीठ ने कहा कि अटॉर्नी जनरल को इस मामले में उचित निर्देश के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है. वह अपना नोट रख सकते हैं ताकि अगली तारीख पर मामले का निपटारा किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 9 नवम्बर को करेगा. टीएमसी सांसद सुस्मिता देव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वजीत देव ने दलील दी कि पहली एनआरसी सूची में जिन लोगों के नाम शामिल किए गए थे, उन्हें आधार कार्ड मिल गए हैं. सुष्मिता देव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 11 अप्रैल को केंद्र सरकार, असम सरकार, भारत के महापंजीयक और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को नोटिस जारी किए थे.
क्या कहा गया है याचिका में?
याचिका में कहा गया है कि एक बार जब कोई व्यक्ति एनआरसी के तहत पंजीकृत हो गया था, चाहे वह पहली मसौदा सूची में हो या पूरक सूची में, वे भारत के नागरिक के समान लाभ के हकदार हैं, और इसलिए, उन व्यक्तियों के बीच कोई स्पष्ट अंतर मौजूद नहीं हैं जिनके नाम एनआरसी में आए हैं.
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