Plea Against Demolition Near Krishna Janmabhoomi: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने पर रोक से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि रेलवे ने अतिक्रमण विरोधी अभियान पूरा होने की जानकारी दी है. ऐसे में अब यहां सुनवाई की जरूरत नहीं. किसी दूसरी राहत के लिए याचिकाकर्ता निचली अदालत जा सकते हैं.


16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर 10 दिन की रोक लगाई थी, लेकिन आज इस रोक को आगे बढ़ाने से मना कर दिया. रेलवे ने कोर्ट को बताया था कि जिन मकानों को गिराया जाना था, वह पहले ही गिराए जा चुके हैं. आगे किसी कार्रवाई की कोई योजना नहीं है. इसके बाद जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने मामले पर सुनवाई बंद कर दी.


क्या है मामला?
मथुरा से वृंदावन को जोड़ने वाली रेल लाइन अभी मीटरगेज है. पिछले कई सालों से इस पर रेल सेवा बंद है. लाइन के दोनों तरफ लोगों ने पक्के मकान बना लिए हैं. रेलवे अब इस लाइन को ब्रॉड गेज करने जा रही है. रेलवे ने अपनी जमीन खाली करने के लिए वहां बसे लोगों को तीन बार नोटिस दिया, लेकिन उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. उसके बाद रेलवे ने बुलडोजर कार्रवाई शुरू की.


याचिकाकर्ता का दावा
मथुरा की नई बस्ती के रहने वाले याचिकाकर्ता याकूब शाह ने दावा किया था कि 100 साल से भी अधिक समय से लोग उस जगह पर बसे हैं. अतिक्रमण अभियान के खिलाफ उनकी याचिका निचली अदालत और इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है, लेकिन रेलवे ने बुलडोजर चलाने शुरू कर दिए. याचिकाकर्ता के लिए पेश वकील की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट इलाके में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे, लेकिन कोर्ट ने इससे मना कर दिया.


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