अमरावती: तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी एक के बाद एक कई झटके दे रहे हैं. जिस आलीशान सरकारी इमारत 'प्रजा वेदिका' को नायडू ने अपने कार्यकाल में बनवाई थी उसे मंगलवार देर रात से तोड़ा जा रहा है.


रेड्डी ने सोमवार को इमारत तोड़ने के आदेश दिए थे. अमरावती स्थित इस इमारत में नायडू जनता दरबार लगाते थे, अधिकारियों और पार्टी नेताओं के साथ बैठक करते थे. प्रजा वेदिका के ठीक बगल वाले आवास में चंद्रबाबू नायडू रहते हैं.


नायडू पूरे परिवार के साथ विदेश यात्रा पर गए हुए थे और वे मंगलवार को ही अमरावती लौटे हैं. जगन मोहन रेड्डी ने नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में भी कटौती की है. तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नायडू और उनके परिजनों को इस बात की जानकारी तब मिली जब वे विदेश से छुट्टी मनाकर घर लौटे.


नायडू के बेटे नारा लोकेश की सुरक्षा घटाई गई है. पहले उनके पास 'जेड' श्रेणी का कवर था, उसे अब 'वाई' कर दिया गया है. उन्हें अब 2 प्लस 2 सुरक्षाकर्मी दिए जाएंगे. पहले उन्हें 5 प्लस 5 सुरक्षाकर्मी प्राप्त थे.


इमारत तोड़े जाने को लेकर जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के रूप में नायडू न केवल एक अवैध इमारत में रहते थे बल्कि उन्होंने अपने घर से सटे एक और ढांचे (प्रजा वेदिका) का निर्माण किया. ऐसा करके उन्होंने सभी कानूनों और नियमों का उल्लंघन किया है.



सोमवार को 'प्रजा वेदिका' में बैठक के दौरान रेड्डी ने कहा, "हम जिस इमारत पर बैठे हैं, वह गैर-कानूनी है. कल (मंगलवार) से शुरू होने जा रहे अभियान के तहत गिरने वाली यह पहली इमारत होगी. हम एक साफ संदेश देना चाहते हैं. हम इसे नहीं रोकेंगे. यह पूरी सड़क अवैध निर्माणों को गिराकर साफ होगी."


इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने 4 जून को मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को एक पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें प्रजा वेदिका का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए, ताकि वह इसका इस्तेमाल बैठकों के लिए कर सके.