लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोटबंदी को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की ‘आर्थिक सोच’ से प्रेरित बताया. योगी ने कहा कि केन्द्र ने हजार और पांच सौ रुपये के नोट बंद कर जबरदस्त राजनीतिक इच्छाशक्ति और साहस का परिचय दिया है.
योगी ने डिजीधन मेले के अवसर पर कहा, ‘‘यदि इतिहास पर नजर डालें तो नोटबंदी की अवधारणा की जड़ें बाबा साहेब आंबेडकर की आर्थिक सोच से जुडी हैं. बाबा साहेब ने कहा था कि यदि कोई लोकतांत्रिक देश आर्थिक रूप से खुद को मजबूत करना चाहता है और काले धन का प्रवाह एवं भ्रष्टाचार रोकना चाहता है तो उसे नियमित अंतराल पर बडे नोटों को बदल देने के लिए तैयार रहना चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि पूर्व में विभिन्न सरकारों ने इस तरह की पहल के बारे में सोचा लेकिन इसे लागू करने का साहस उनमें नहीं था. ‘‘पहली बार किसी सरकार ने ना सिर्फ साहस दिखाया बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति का भी परिचय दिया.’’ नोटबंदी के कारण परेशानी का सामना करने वाली जनता की सराहना करते हुए योगी ने कहा कि जनता नोटबंदी की कठिनाइयों को झेलने और व्यापक देशहित में तात्कालिक लाभ को भूलने के लिए तैयार थी.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ की नीति अपनाएगी. योगी ने बताया कि दुनिया के अन्य देशों ने नोटबंदी के भारतीय मॉडल को अपनाने का प्रयास किया लेकिन ऐसा नहीं कर सके.
उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में चुनावों के दौरान काले धन का मुद्दा उठा. इस मुद्दे पर व्यापक जन आंदोलन भी हुआ लेकिन पेचीदगी की वजह से जमीनी स्तर पर बात तेजी से आगे नहीं बढ़ सकी. सुप्रीम कोर्ट ने काले धन के मुद्दे पर केन्द्र से एसआईटी बनाने को कहा.