नई दिल्ली: देश के बैंकों को मिलने वाली फेक करंसी रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है. साथ ही नोटबंदी लागू होने के बाद संदिग्ध लेनदेन में 480 फीसद का इजाफा दर्ज किया गया है. ये खुलासा वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की तरफ से तैयार की गई रिपोर्ट में हुआ है.


फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की मुख्य बातें


-सरकारी, प्राइवेट और सहकारी बैंकों में सामूहिक रूप से 400% से अधिक संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट किए गए हैं.


-बैंकों और वित्तीय इकाइयों ने वित्त मंत्रालय की एजेंसी एफआईयू को 4.73 लाख संदिग्ध लेनदेनों की जानकारी दी


-जाली मुद्रा के लेनदेन के मामलों की बात करें तो 2016-17 के दौरान इनकी संख्या में पिछले साल के मुकाबले 79% का इजाफा हुआ.


-2015-16 में जाली मुद्रा रिपोर्ट की संख्या 4.10 लाख थी. 2016-17 में यह 3.22 लाख की बढ़ोतरी के साथ 7.33 लाख पर पहुंच गई.