नई दिल्ली: नोटबंदी के दो साल पूरे हो चुके हैं. विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ अपने रुख पर कायम है और आज कांग्रेस देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी. दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद प्रदर्शन का नेतृत्व कर सकते हैं. विरोध प्रदर्शन का आयोजन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बाहर किया जाएगा.
कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को क्रूर षड्यंत्र और घोटाला करार दिया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ''नोटबंदी सोच-समझ कर किया गया एक क्रूर षड्यंत्र था. यह घोटाला प्रधानमंत्री के सूट-बूट वाले मित्रों का काला-धन सफेद करने की एक धूर्त स्कीम थी. इस कांड में कुछ भी मासूम नहीं था. इसका कोई भी दूसरा अर्थ निकालना राष्ट्र की समझ का अपमान है.''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस कदम से 15 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा और अर्थव्यवस्था को जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर चपत लगी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था की ‘तबाही' वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है और इसके घाव गहरे होते जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 1,000 और 500 रुपये के नोट को तत्काल प्रभाव से चलन से बाहर कर दिया था.
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दो साल पूरे होने पर सरकार इसके फायदे गिना रही है. कल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के कारण ही सरकार उन लोगों का पता लगा पायी जिनके पास आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति थी. नकदी जमा करने से संदिग्ध 17.42 लाख खाताधारकों का पता चला. नोटबंदी से इससे करदाताओं की संख्या में उछाल आया है.
नोटबंदी को लेकर बीजेपी की सहयोगी शिवसेना भी मोदी सरकार पर हमलावर रही है. शिवसेना ने दावा किया कि नोटबंदी बिल्कुल ‘असफल’ रही क्योंकि इससे कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा कि ऐसा कहा गया था कि आतंकवाद का खात्मा होगा और नकली नोट की समस्या खत्म हो जाएगी, लेकिन यह भी नहीं हो सका.
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