ओडिशा: बेरहामपुर के ‘रेशम शहर’ के बुनकरों पर नोटबंदी का असर दिखने लगा है. शादी ब्याह का मौसम होने के बावजूद उनके पास ऑर्डर कम आ रहे हैं. नोटबंदी के कारण सहकारी समितियां कारीगरों को भुगतान नहीं कर पा रही हैं. बैंकों से निकासी सीमा होने की वजह से नकद भुगतान में समस्या आ रही है.

अखिल ओडिशा देवांग महासंघ के अध्यक्ष टी. गोपी ने कहा, ‘‘बेरहामपुरी पट्टा की बिक्री 60 प्रतिशत तक घट गई है जबकि नोटबंदी की वजह से सहकारी समितियां बुनकरों को भुगतान नहीं कर पा रहीं हैं.’’

बेरहामपुरी पट्टा की भारी मांग रहती है. पट्टा और जोड़ा की बिक्री ज्यादातर सहकारी समितियों के जरिए की जाती है. इनकी सालाना बिक्री करीब ढाई से तीन करोड़ रपए तक की होती है.

एक बुनकर ने कहा, ‘‘हम महीने में कम से कम 10 पट्टा बेचते रहे हैं लेकिन अब यह घटकर तीन से चार रह गई है.’’