नई दिल्ली: नोटबंदी का असर आशियाने के सपने पर भी पड़ा है. दिल्ली के पास नोएडा और नोएडा एक्सटेंशन में लगभग तैयार खड़ी इमारतों का काम कैश की कमी के चलते धीमा हो गया है. दिल्ली के पास नोएडा एक्सटेंशन में बिल्डिंग्स का ढांचा खड़ा तो कर दिया गया है लेकिन प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों को अपने सपनों का आशियाना अभी तक नहीं मिला है.
कैश की किल्लत ने तोड़ दिए सपने और भरोसे
गाज़ियाबाद के नवनीत सरीन ने अपना फ्लैट नोएडा एक्सटेंशन के आरजी लक्ज़री प्रोजेक्ट में बुक करवाया था, जिसका पजेशन नवनीत को इसी महीने मिलना था. नोटबंदी के पहले तक तो नवनीत को पूरा भरोसा था कि उन्हें अपने नए घर की चाबी मिल जाएगी, लेकिन नोटबंदी के बाद हुई कैश की किल्लत ने उनके सपने और भरोसे दोनों को तोड़ दिया.
नवनीत को अपने घर के लिए अब 3 महीने और इंतजार करना होगा. अब साइट पर काम बेहद धीमा चल रहा है.
फ्लैट में छोटा मोटा काम कराने के लिए भी पैसे नहीं!
सिर्फ वो लोग परेशान नहीं हैं जिन्हें फ्लैट नहीं मिला है. नोटबंदी के बाद उन लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें अपना घर तो मिल गया है लेकिन उसमें छोटा मोटा काम कराने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. नोएडा के सेक्टर 107 के ग्रेट वैल्यू सरना में रहने वाले धीरज को पजेशन तो सितंबर में मिल गया था, लेकिन घर में इंटीरियर का काम करवाने के लिए धीरज के पास पैसे नहीं है.
मजदूरों की हालत भी खराब
नोटबंदी से जहां एक तरफ ग्राहकों को घर नहीं मिल पा रहा वहीं, मजदूरों की हालत तो और बुरी है. मजदूरों को नोटबंदी के बाद से वेतन नहीं मिला है और जिन्हें मिला भी वो चेक में मिला है. जिसे निकालने के लिए उन्हें लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है. नोएडा एक्सटेंशन में आने वाले दिनों में 44 हजार फ्लैट का पजेशन देने की तैयारी थी, लेकिन नोटबंदी ने आशियाने में फिर रोड़ा अटका दिया है.